साहित्य और संस्कृति की मासिक ई-पत्रिका
अपनी माटी
सितम्बर अंक,2013
कविताएँ:सुधीर कुमार सोनी
1)'' रोटी ''
आटे की लोई का
तवे पर
तुम्हारी ऊँगलियों के पोंरों से
घुमाकर रोटी का बन जाना
जैसे पृथ्वी के एक सिरे में
सुबह हुई हो अभी -अभी
--------------------------------------------
2)'' जंगल ''
कितना अँधेरा
कितनी चुप्पी बटोरे हुए हो
जंगल तुम
बिलकुल मेरे स्वप्न की तरह
वह भी
इतनी चुप्पी बिखेर जाता है
मेरी नींद में
झींगुरों का संगीत स्वर भी
ठीक मेरे स्वप्न की भाँति हैं
पर इस समय
जंगल मैं तुम्हारी सीमा में हूँ
या तुम मेरे स्वप्न में
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3)'' पंछी अकेले नहीं होते ''
आटे की लोई का
तवे पर
तुम्हारी ऊँगलियों के पोंरों से
घुमाकर रोटी का बन जाना
जैसे पृथ्वी के एक सिरे में
सुबह हुई हो अभी -अभी
--------------------------------------------
2)'' जंगल ''
कितना अँधेरा
कितनी चुप्पी बटोरे हुए हो
जंगल तुम
बिलकुल मेरे स्वप्न की तरह
वह भी
इतनी चुप्पी बिखेर जाता है
मेरी नींद में
झींगुरों का संगीत स्वर भी
ठीक मेरे स्वप्न की भाँति हैं
पर इस समय
जंगल मैं तुम्हारी सीमा में हूँ
या तुम मेरे स्वप्न में
--------------------------------------------
3)'' पंछी अकेले नहीं होते ''
पंछी
अकेले नहीं होते
अकेले उड़ते हैं तो भी
अकेले नहीं होते
पंछियों के साथ उनका आकाश होता है
जैसे
नदी के साथ
उनके तट होते हैं
जैसे
फल के साथ
उनकी डाल होती है
जैसे
बाँसुरी के साथ
सितार के साथ
तबले के साथ
उनकी लय होती है
जो साथ होते हैं
वे नहीं पूछते
वे उनके क्या हैं
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4)'' लड़ाई ''
लड़ो कि लड़ने का दौर चल रहा है
क्योंकि सब लड़ रहे हैं
लड़ो कि लड़ाई में मरने वाला
तुम्हारा अपना नहीं है
अपनी जाति का
अपने धर्म का
अपना खून नहीं हैं
लड़ो कि लड़ने का कोई उद्देश्य नहीं हैं
तुम्हारे पास
लड़ो कि लड़ाई में
किसी के सलाह की जरूरत नहीं होती
लड़ो कि लड़ने के लिए कोई अनुमति-पत्र
की जरूरत नहीं है
लड़ो और सारी हदों को पार करके लड़ो
सुधीर कुमार सोनी
रायपुर ,छत्तीसगढ़ के वासी हैं। अनेक समाचार पत्र जैसे दैनिक नव भारत ,दैनिक,भास्कर ,लोकमत समाचार ,नई दुनिया ,दैनिक ट्रिब्यून, राजस्थान पत्रिका ,अमर उजाला ,प्रभात खबर ,रांची, एक्सप्रेस व पत्रिका माधुरी ,कादम्बिनी ,सामयिक परिदृश्य ,साहित्य अमृत , पालिका समाचार, सदभावना दर्पण ,घर प्रभात आदि में कवितायेँ प्रकाशित | कादम्बिनी साहित्य महोत्सव में कविता पुरस्कृत।पाण्डुलिपि ''सृष्टि एक कल्पना'' प्रकाशन की पक्रिया में।
मोबाइल- 09826174067
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