अपनी माटी का प्रवेशांक 'अप्रैल-2013'

                                                      साहित्य और संस्कृति का प्रकल्प
अपनी माटी 
मासिक ई-पत्रिका 
अप्रैल,2013 अंक



  1. सम्पादकीय हाशिये से बाहर होती संस्कृति
  2. झरोखा हरिशंकर परसाई का व्यंग्य 'आध्यात्मिक पागलों का मिशन'
  3. डॉ. धर्मवीर भारती के काव्य में आस्था और अनास्था का द्वंद्व:डॉ राजेन्द्र कुमार सिंघवी
  4. विमर्श:नए विमर्शों के बीच साहित्य की सत्ता के सवाल / डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा
  5. विमर्श:कविता और कवियों के लिये कठिन समय / प्रो. सूरज पालीवाल
  6. फीचर:'गुलाब की खेती' /नटवर त्रिपाठी 
  7. फीचर:गोवा में रंगो का मेल /नटवर त्रिपाठी
  8. कहानी:ढ़ाबे की खाट / योगेश कानवा
  9. कहानी:संकल्प / डॉ. अजमेर सिंह काजल
  10. कविता: संजीव बख्‍शी
  11. कविता: राजीव आनंद
  12. कविता: रवि कुमार स्वर्णकार
  13. ऑडियो प्रोजेक्ट: डॉ सत्यनारायण व्यास
  14. व्यंग्य:मार्च का महीना / जितेन्द्र ‘जीतू’
  15. व्यंग्य:गायतोंडे जी का गाय गौरव संवर्धन / रंजन माहेश्वरी
  16. संस्मरण:डॉ. रमेश यादव
  17. कविता पोस्टर का पर्याय बनता चित्रकार कुँअर रवीन्द्र और उनकी कविता
  18. नई किताब:मैं एक हरिण और तुम इंसान / सुरेन्द्र डी सोनी

5 टिप्पणियाँ

  1. अपनी माटी के प्रवेशांक के लिए शुभकामनाएँ।
    सम्पादकीय के साथ इसके फीटर और व्यंग्य अंक को रोचक और पठनीय बनाते है।

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  2. अपनी माटी के नए अवतार के लिए बधाइयाँ और मंगलकामनाएँ ...

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  3. apni mati se shahitya ke upavanko ak nai urvara shakti vicharo ko abhivyakt karne ki prapt ho rahai hai hardik shubhkamnaye ..SANJAY VERMA 'DRUSHTI' MANAWAR DISTT DAHAR M.P.

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  4. अपनी माटी से यहाँ विदेश में भी भीनी-भीनी सौंधी सुगंध का आनंद ले सकता हो !एक पठनीय साहित्यिक सार्थक पत्रिका के लिए आपके प्रयास सराहनीय हे ! शुभकामनाये !

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  5. अपनी माटी के नए अवतार के लिए बधाइयाँ और मंगलकामनाएँ ...

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