साहित्य और संस्कृति की मासिक ई-पत्रिका
अपनी माटी
अक्टूबर-2013 अंक
छायांकन हेमंत शेष का है |
पाठक और लेखक साथियो,नमस्कार,अपनी माटी के प्रति सहयोग बना रहे,हमारा अक्टूबर अंक आपके समक्ष प्रस्तुत है।आपके सुझावों की प्रतीक्षा रहेगी।इस अंक में सदाशिव जी श्रोत्रिय की नयी किताब पर राजेश चौधरी की टिप्पणी और हमारे अपने आयोजन 'माटी के मीत-२' में कविता के वर्तमान पर पढी गयी राजेंद्र सिंघवी की टिप्पणी ख़ास तौर पर पढने लायक है।लता चंद्रा को पहली बार छाप रहे हैं।तीनों युवा कवि भी इस बार फिर से शामिल हैं।हमारे अनुग्रह पर हेमंत शेष जी का नवीनतम कलाकर्म आपके साथ साझा कर पा रहे हैं।बाकी कुछ विशेष नहीं।शुक्रिया।
- अनुक्रमणिका
- सम्पादकीय :'दतिया' गले का हार
- झरोखा: पंडित नरेन्द्र शर्मा
- समीक्षा: ज़माना बदले न बदले,ख़याल तो बदले Vaya 'सतत विचार की जरूरत'/ डॉ. राजेश चौधरी
- समीक्षा:कविता का वर्तमान / डॉ.राजेन्द्र कुमार सिंघवी
- नयी पुस्तक:डॉ.रेणु व्यास की पुस्तक 'दिनकर:सृजन और चिंतन'
- यात्रा वृतांत: सफर में धूप तो होगी अगर चल सको तो चलो / कालुलाल कुलमी
- छायाचित्र :हेमंत शेष
- कविताएँ :माणिक
- कविताएँ:विपुल शुक्ला
- कविताएँ :अखिलेश औदिच्य
- ग़ज़ल:लता चंद्रा
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