'अपनी माटी' का मार्च-2014 अंक

साहित्य और संस्कृति की मासिक ई-पत्रिका            'अपनी माटी' (ISSN 2322-0724 Apni Maati )                 मार्च-2014 


  मार्च-2014 अंक
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  सम्पादकीय


टिप्पणी 
मित्र पत्रिका
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इस अंक के रचनाकार साथियों का औपचारिक आभार भी बनता है.साथ ही मित्रो,आपकी तीक्ष्ण प्रतिक्रियाओं और सार्थक सुझावों का हमें इंतज़ार रहेगा.जो मित्र आगामी अंकों हेतु अपनी अप्रकाशित रचनाएं हमें भेजना चाहते हैं वे ई-मेल info@apnimaati.com पर सम्पर्क साध सकते हैं.-सम्पादक

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7 टिप्पणियाँ

  1. अच्छी पत्रिका है, बधाई स्वीकार करें.

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    1. शुक्रिया कँवल जी आपकी टिप्पणी मायने रखती है

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  2. इंतज़ार खत्म और पढ़ना आरंभ. आभार अपनी माटी के पूरी टीम को...!

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  3. उत्कृष्ट ,,, हार्दिक बधाई

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  4. बेहद उम्दा और पठनीय अंक की इस शानदार प्रस्तुति के लिए पूरी अपनी माटी टीम हार्दिक धन्यवाद की पात्र है | होली पर्व की सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं, बधाई !

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  5. उत्कृष्ट ,,, हार्दिक बधाई

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  6. बहुत अच्छे अंक निकाल रहे हैं आप. कविता परिचर्चा तो अद्भुत लगी. आभार और बधाई.

    हरि राम मीणा

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