साहित्य-संस्कृति की त्रैमासिक ई-पत्रिका
'अपनी माटी'
वर्ष-2 ,अंक-14 ,अप्रैल-जून,2014
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अनुक्रमणिका
रघुवीर सहाय की कविताओं में लोकतंत्र / मधु
लयात्मक-कविता के अद्भुत कवि भवानी प्रसाद मिश्र / डॉ.जे.आत्माराम
बदलते जीवन–मूल्य और ‘अग्निलीक’ के राम /बलजीत कौर 'अमहर्ष'
टूटते परिवार, ढीलते संबंध और विकृत होती मनोवृति / डाॅ. रामाशंकर कुशवाहा
औरत का राशिफल / पूनम
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आलेखमाला
लयात्मक-कविता के अद्भुत कवि भवानी प्रसाद मिश्र / डॉ.जे.आत्माराम
बदलते जीवन–मूल्य और ‘अग्निलीक’ के राम /बलजीत कौर 'अमहर्ष'
टूटते परिवार, ढीलते संबंध और विकृत होती मनोवृति / डाॅ. रामाशंकर कुशवाहा
औरत का राशिफल / पूनम
शोध वीथी
रामविलास शर्मा के सन्दर्भ में गांधीजी का साम्राज्यविरोधी आन्दोलन/बिजय कुमार रविदास
'आखिरी कलाम' में मिथकों का महत्त्व और लोक-व्यवहार /नीतू तिवारी
केदारनाथ अग्रवाल के काव्य में प्रकृति और समाज /आज़र ख़ान
उदय प्रकाश की कहानियों में जादुई यथार्थवाद/ डॉ.सीमा सिंह
राग दरबारी-स्त्री अस्मिता की उपकरणमूलक एवं उपभोगमूलक निर्मिति/आशुतोष शुक्ल
'आखिरी कलाम' में मिथकों का महत्त्व और लोक-व्यवहार /नीतू तिवारी
केदारनाथ अग्रवाल के काव्य में प्रकृति और समाज /आज़र ख़ान
उदय प्रकाश की कहानियों में जादुई यथार्थवाद/ डॉ.सीमा सिंह
राग दरबारी-स्त्री अस्मिता की उपकरणमूलक एवं उपभोगमूलक निर्मिति/आशुतोष शुक्ल
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छायांकन
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बहुत ही पठनीय अंक बन पड़ा है | आप और आपकी टीम लगातार इतनी सुन्दर प्रस्तुतियों के लिए बधाई की पात्र है | मेरी ओर से असीम बधाई और शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंसरस ..... बहुत सुन्दर अंक , पठनीय ,विचारोत्तेजक प्रस्तिति के लिए पूरी रचनाधर्मी टीम को बधाई।
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें