अनुक्रमणिका
ऐतिहासिक
परिप्रेक्ष्य
- भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था में उपेक्षित किसान/घनश्याम कुशवाहा
- किसान, आंदोलन और साहित्य/ डॉ. भीम सिंह
- भारत के किसान आंदोलन का इतिहास / डॉ. इकरार अहमद
- किसान आंदोलन :ऐतिहासिक पृष्ठभूमि / सुशील कुमार
- नवउदारवाद और किसानों की दुर्दशा / डॉ.अमृत प्रजापति
- भूमण्डलीकृत भारत का किसान और संजीव का कथा साहित्य / डॉ.मीनाक्षी चौधरी
- बदलते सामाजिक परिदृश्य और किसान / दिवाकर दिव्य दिव्यांशु
- भारतीय किसान जीवन और समकालीन परिदृश्य / प्रदीप कुमार
- किसान का कोड़ा /योगेश राव
- किसान आन्दोलन के अग्रणी नेता सहजानंद सरस्वती / राकेश कुमार सिंह
राजनीतिक दखल
धरोहर
- सूर का काव्य और किसान-जीवन/ मैनेजर पाण्डेय
- किसानों-मजूरों के लिए / राहुल सांकृत्यायन
- किसानों के दोस्त और दुश्मन / स्वामी सहजानन्द सरस्वती
- किसान क्या करें ?नेताओं पर कड़ी नजर रखें / स्वामी सहजानन्द सरस्वती
- हतभागो किसान / प्रेमचंद
पुरखों की किसान
कविता
प्रेमचन्द के
साहित्य में किसान
- प्रेमचंद और किसान विमर्श / डॉ. मीनाक्षी जयप्रकाश
- गोदान : किसानों की त्रासदी की महागाथा / बबली गुर्जर
- पूस की रात :हल्कू अभी जिंदा है / प्रमोद कुमार यादव
- प्रेमचन्द का किसान बोध / वंशीलाल
- प्रेमचंद का कथा साहित्य: भारतीय किसान की स्थिति / संदीप कौर
कविता में किसान
- अवधी की किसान कविता और बलभद्र प्रसाद दीक्षित ‘पढ़ीस’ / शैलेन्द्र कुमार शुक्ल
- नागार्जुन कृत ‘युगधारा’ में चित्रित कृषक एवं श्रमिक वर्ग /विकल सिंह
- केदारनाथ अग्रवाल: किसानों के प्रति प्रतिबद्ध, संबद्ध, आबद्ध कवि /रूपांजलि कामिल्या
- बालमुकुन्द गुप्त की कविताओं में अभिव्यक्त किसान चिंता / दीपक कुमार दास
कथा में किसान
- दर्द का दूसरा जन्म: सफेद मेमने / डॉ.राज कुमार व्यास
- ‘फांस’ से उठता सवाल : खेती से किसान मन क्यों लगाए?/डॉ.विजय शिंदे
- किसान जीवन की करुण कथा - ‘फाँस’ (संजीव)/ प्रताप प्रजापति
- नई सदी के हिंदी उपन्यास और किसान आत्महत्याएँ / डॉ. सचिन गपाट
- मुसलमान जमींदारों और मध्यवर्गीय किसानों का संवेदनापूर्ण अंकन:आधा गाँव /डॉ.मौ.रहीश अली खां
- हिंदी उपन्यासों में गाँव और किसान / अनन्त कुमार मिश्र
- बाबा नागार्जुन के उपन्यास ‘बलचनमा’ में अभिव्यक्त किसान जीवन / ऐश्वर्या पात्र
- किसान के जीवन के संघर्षों की त्रिवेणी / इन्द्रदेव शर्मा
- रेहन पर रग्घू में ग्रामीण परिवेश / मंजुल शर्मा
- विजयदान देथा की कहानियों में चित्रित किसान जीवन / प्रियंका चाहर
दूसरी नज़र
- भारतीय कृषि में स्त्रियों की भूमिका / डॉ. संगीता मौर्य
- कृषि प्रधान देश और मुस्लिम समाज / बृजेश यादव
- संवेदनाशून्य होते समाज में आदिवासी किसान / राजीव कुमार
सिने-दुनिया
मैं भी मुँह में जुबान रखता हूँ
मैं भी मुँह में जुबान रखता हूँ
- महाराष्ट्र के किसानों के साथ आरले श्रीकांत और बोईनवाड कृष्णा की बातचीत
- तेलंगाना के किसान सैदपवार पंढरी से शक्तिराज की बातचीत
- बिहार के किसान अश्विनी सिंह से रविश कुमार की बातचीत
- राजस्थान के किसान जयदेव सिंह से अभिनव सरोवा की बातचीत
- उत्तर प्रदेश के किसान रमाकांत जी से विशाल सिंह की बातचीत
- आंध्रप्रदेश के किसान से सादी सुरेंद्र की बातचीत
युवाओं की किसान
कविता
लोक कथा
अतिथि सम्पादक
प्रो. गजेन्द्र पाठक
हिंदी विभाग,हैदराबाद विश्वविद्यालय, हैदराबाद
ई मेल gpathak.jnu@gmail.com
डॉ. अभिषेक रौशन
हिंदी विभाग,अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय, हैदराबाद