ग्लोरिया अन्ज़ल्दुआ की कविता (अनुवाद शिल्पी गुप्ता)
यह कविता ग्लोरिया
अन्ज़ल्दुआ के द्वारा अंग्रेजी और स्पेनिश भाषा में लिखी गयी है। यह अन्ज़ल्दुआ की
किताब Borderlands/La Frontera: The New Mestiza (१९८७) में प्रकाशित है।
उन्होंने अपनी कविताओ के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्र पर रहने वाले लोगों की पहचान
को आम लोगों तक पहुचाया है। इस कविता में उन्होंने अपने और कई ऐसे लोगों के बारे
में लिखा है, जो न ही अमरीकी हैं और न ही मैक्सिकन हैं, न ही गोरे हैं और न ही
काले हैं, न ही पुरुष हैं, और न ही औरत हैं, बल्कि इस कविता के द्वारा एक नए पहचान
को आवाज दी है।
सीमावर्ती क्षेत्र पर रहने का मतलब है तुम...
सीमावर्ती क्षेत्र पर रहने का मतलब है तुम
न ही हिस्पानी, न मूल निवासी, न काले, न स्पानी हो
और न ही गोरे चिकाना हो, तुम मेस्तिज़ा, मुलातो और आधे
नस्ल वाले हो
जो सरहद पर गोली-बारी के बीच में फंसे हैं
अपने पीठ पे पांचों पहचान (race) को उठाए हुए
और यह भी नहीं जानते कि वो किस ओर मुड़े, किससे दूर भागे!
सीमावर्ती क्षेत्र पर रहने का मतलब यह जानना जरुरी है की
जो मूल निवासी तुम्हारे अन्दर है, वह ५०० सालो से धोखा दे रहा है,
और अब तुमसे कुछ भी नहीं बोलता,
यह जानना भी जरुरी है की मेक्सिको के निवासी तुम्हे बटा हुआ कहते हैं,
लेकिन तुम्हारे अन्दर के अमरीकीपन को दबाना उतना ही बुरा है जितना
अपने पिछले रंग और मूल को!
जब तुम सरहद पर रहते हो,
लोग तुम पर से गुजर जाते है, और हवा तुम्हारी आवाज को चुरा लेती है,
तुम वैसे जीव बन जाते हो जिसे बली का बकरा बना देते है,
लेकिन तुम एक नए जाती के अग्रदूत भी होते हो,
जो आधा-आधा है, एक औरत भी और मर्द भी, और दोनों ही नहीं,
अब तुम एक नयी पहचान हो!
सीमावर्ती छेत्र पर रहने का मतलब है
अमेरिकी सूप में मिर्च ऊपर से डालना,
बाजरे के आटे का रोटी खाना,
तुम मेक्सिकन भाषा अमेरिकी लहजे में बोलते हो;
और जाँच की
चौकी पर पुलिस के द्वारा रोके जाते हो!
सीमावर्ती छेत्र पर
रहने का मतलब यह है की हर पल तुम लड़ते रहते हो
शराब की आकर्षण से
दूर रहने को,
बन्दुक की नली को
दबाने को,
उस रस्सी को तोड़ने को
जो हर पल तुम्हारे गले को दबा रही है
सीमावर्ती क्षेत्र
पर रहने का मतलब है की
तुम एक युद्धस्थल हो
जहाँ दुश्मन एक-दूसरे
को मारने को तत्पर है,
यही तुम्हारा घर है,
जहाँ तुम अजनबी हो,
सरहद पर युद्ध खत्म
हो चूका है,
लेकिन टैंक के बारुदो
ने इस मैदान को झंझोर दिया है,
जहाँ तुम मूर्छित,
अधमरे पड़े हो
दुबारा खड़े होने की
कोशिश में!
सीमावर्ती क्षेत्र
पर रहने का मतलब है
जैसे दांतों की तरह
सफ़ेद और धारदार पंखी
तुम्हारे भूरे चमड़ी
को उधेड़ देना चाहती है
जैसे तुम्हारे हृदय
को निचोड़, तुम्हे पीटना
और निचोड़ कर फेक
देना चाहती है
जैसे एक फफूंदी लगे
आटे की तरह महकते रहो
जो अब मर चूका है!
सीमावर्ती क्षेत्र
में जीने के लिए
तुम्हें सीमाओं के
परे रहना होगा
चौराहा बन के!
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हिस्पानी- लैटिन
अमेरिका के निवासी।
देशी- जिसका एक
मौलिक देश हो।
गोरे चिकाना- उच्च
श्रेणी के मेक्सिकन जो अमेरिका में रह रहे हैं।
मेस्तिज़ा- जो मूल
निवासी (इंडिजेनस) और सफ़ेद रंग के लोगों से मिल कर बनते है।
मुलातो- जो काला और सफ़ेद रंग के लोगो से मिल कर
बनते हैं।
अनुवादक : शिल्पी गुप्ता,सहायक
प्राध्यापक, स्पेनिश भाषा
वी.आई.टी.,
वेल्लूर,ई-मेल -
shilpigupta.jnu@gmail.com
अपनी माटी (ISSN 2322-0724 Apni Maati) वर्ष-5, अंक 28-29 (संयुक्तांक जुलाई 2018-मार्च 2019) चित्रांकन:कृष्ण कुमार कुंडारा
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