शिक्षा विशेषांक
(अंक 31)
अनुक्रमणिका
सम्पादकीय
परिप्रेक्ष्य
- सब में राम ही राम/ मोहम्मद उमर
- स्कूल की 'दृश्य' संस्कृति/ कुलदीप गर्ग
- शिक्षा का स्वरूप, समस्या और समाधान/- आदित्य देव वैष्णव
- शिक्षा में बदलाव की भूमिका एवं शिक्षक/ प्रियंक श्रीवास्तव
समीक्षायन
- कई काम जो अभी भी सपने से हैं किए जाने शेष हैं / अनिरुद्ध वैष्णव
- शिक्षा व्यवस्था ने ही अमीर और गरीब की खाई को और गहरा कर दिया है / दुर्गा सीरवी
- मैं सीखता हूँ बच्चों से जीवन की भाषा/ डॉ. प्रशान्त कुमार
- गली आगे मुड़ती है: विश्वविद्यालयी शैक्षिक परिदृश्य/ गजाधर यादव
आत्मकथ्य
- बदलता समय और बदलती शिक्षा/ गुणवंत कुमार
- बच्चें कोरे कागज़ की तरह होते है?/ धीराज प्रतीम मेधी
- दिल्ली के सरकारी विद्यालयों में मेंटरशिप कार्यक्रम एवं शिक्षकों की भूमिका/ डॉ. मुकेश कुमार
- कक्षाकक्ष में बच्चों से बातचीत है जरूरी/ राम विनय मौर्य
- संदेहों के कपोल /रायबहादुर सिंह
- सामाजिक व्यवस्था के मेरे अनुभव/ मुकेश चौरसिया
- शिक्षा, शिक्षा और शिक्षा/ अभिनव सरोवा
आलेखमाला
- भारत में वर्तमान शिक्षा: दुर्दशा से मुक्ति की जरूरत/ पूर्वा भारद्वाज
- शिक्षा और स्त्रियों के अधिकार /डॉ. शिवानी कन्नौजिया
- शांति की संस्कृति और शिक्षा/ डॉ. राकेश राणा
- वैदिक संस्कृति और गुरु/डॉ. जितेन्द्र थदानी
- पीसा और भारतीय शिक्षा व्यवस्था का मूल्यांकन / कुमार माधव
- समावेशी शिक्षा की उपादेयता/ धीरज कुमार भारती एवं जयंती
- विवेकी राय के साहित्य में नारी शिक्षा /डॉ. विजय शिंदे
- शिक्षा के माध्यम में मातृभाषा का महत्त्व/राजेन्द्र शर्मा
- शिक्षा में नवाचार/ डॉ.अंबुजा एन मलखेडकर 'सुवना'
अपनी माटी (ISSN 2322-0724 Apni Maati) शिक्षा विशेषांक, मार्च-2020, सम्पादन:विजय मीरचंदानी, चित्रांकन:मनीष के. भट्ट
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