माध्यमिक
विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिकाओं के तनाव स्तर का तुलनात्मक अध्ययन
दीपिका नेगी एवं प्रो0 भीमा मनराल
शोध सार: वर्तमान समय में कामकाजी लोगों के लिए तनाव सबसे बड़ी समस्या है l घर से बाहर जाकर कार्य करने वाली महिलाओ को कई प्रकार की सामाजिक- पारिवारिक परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाना पड़ता है और इसमें असफल रहने पर वे तनावग्रस्त हो जाती है l प्रस्तुत अध्ययन माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिकाओं के तनाव स्तर का जनसांख्यकीय चरों के आधार पर मापन करने पर आधारित है l इस अध्ययन हेतु उद्देश्यपूर्ण न्यादर्शन विधि की सहायता से उपरोक्त वर्णित तीनो प्रकार के विद्यालयों से 50 - 50 शिक्षिकाओं का चयन किया गया l 150 चयनित शिक्षिकाओं के न्यादर्श पर शोधकर्ती द्वारा निर्मित एवं मानकीकृत अध्यापिका तनाव मापनी के प्रशासन द्वारा तनाव स्तर तथा जनसांख्यकीय चरों से सम्बंधित आंकड़ो का संग्रहण किया गया l शिक्षिकाओं के तनाव स्तर में सार्थक अंतर की जांच हेतु टी- परीक्षण तथा एनोवा का प्रयोग किया गया l शोध परिणामो द्वारा 34% शिक्षिकाओं में तनाव के निम्न स्तर, 32.7% शिक्षिकाओं में तनाव के मध्यम स्तर तथा 33.3% शिक्षिकाओं में तनाव के उच्च स्तर के पाए जाने की पुष्टि हुई l साथ ही शिक्षिकाओं के तनाव स्तर पर जनसांख्यकीय चरों का सार्थक प्रभाव भी देखा गया l
कुंजी
शब्द –तनाव , जनसांख्यकीय चर, शिक्षिकाएं l
1. प्रस्तावना- आधुनिक जीवन तनाव से भरा हुआ है l नगरीकरण, औद्योगिकीकरण तथा संक्रियाओ के स्तर में वृद्धि आदि तनाव बढ़ने के मुख्य कारण है l तनाव सामाजिक- आर्थिक जटिलता का अपरिहार्य परिणाम है तथा कुछ हद तक, इसका कारण भी l स्वास्थ्य मनोविज्ञान में तनाव से तात्पर्य नकारात्मक प्रत्यक्षीकरणों तथा प्रतिक्रियाओं की उस श्रृंखला से होता है, जो दबाव की अत्यधिक मात्रा के कारण उत्पन्न होती है l
वर्तमान
समय में कामकाजी लोगो के लिए तनाव सबसे बड़ी समस्या है l कई
अध्ययनों में तनाव को ह्रदय रोग, चर्म रोग, अल्सर तथा इसी प्रकार के कई अन्य
शारीरिक एवं मानसिक रोगों को उत्पन्न करने से सम्बंधित पाया गया है (कॉपर 2005;
हाउस 2007) l इसके अलावा तनाव प्रभावशीलता को भी कम कर सकता
है, जो ख़राब प्रदर्शन में परिवर्तित हो सकता है l
वर्तमान समय में शिक्षण व्यवसाय भी कर्तव्यों में वृद्धि तथा समय सीमा की मांग के
कारण एक अत्यंत तनावपूर्ण व्यवसाय में परिवर्तित हो चुका हैl शिक्षण व्यवसाय में,
अन्य व्यवसायो की तुलना में तनाव का उच्च स्तर पाया जाता है (जेप्सन तथा फारेस्ट, 2006) l शिक्षको
द्वारा दैनिक आधार पर झेली जाने वाली तनाव की मात्रा सदैव से ही विस्तृत अध्ययनों
का मुख्य बिंदु रहा हैl कॉक्स तथा अन्य के अनुसार, 78 प्रतिशत शिक्षक अपने काम को
तनाव का प्राथमिक स्त्रोत मानते है, परन्तु ये हाल अन्य व्यवसाय से जुड़े 38
प्रतिशत व्यक्तियों का भी है l
बढती हुई साक्षारता वृद्धि
तथा सामाजिक जागृति की इस विकासशील दुनिया में महिलाएं पुरुषो के समान ही घर से
बाहर जाकर लाभदायक रोजगारो में प्रतिभाग कर रही है, जिसे उनके परिवारजनों द्वारा
सराहा भी जा रहा है, परन्तु घर-परिवार की सभी जिम्मेदारियां अभी भी उनके ही सिर पर
है (सुमाथी एवं मुरलीधरन, 2015) l घर से बाहर जाकर कार्य करने वाली महिलाओ को कई
प्रकार के सामाजिक- पारिवारिक समायोजन
करने पड़ते है, जो उनमे तनाव की समस्या को जन्म देते है l
कामकाजी महिलाओ में तनाव की समस्या सामाजिक एवं संवेगात्मक परिवर्तन की प्रक्रिया
का एक अहम् भाग बन चुका है (सिंह, 2018) l
महिलाएं
कई स्तरों पर कार्य कर रही है, किन्तु उनकी एक बहुत बड़ी संख्या शिक्षण व्यवसाय में
संलग्न है ( दुआ एवं सांगवान,2017) l शिक्षक सम्पूर्ण शिक्षा प्रणाली की धुरी होता
है l प्रभावी शिक्षण- अधिगम प्रक्रिया हेतु शिक्षक के मानसिक स्वास्थ्य का उत्तम होना अत्यंत आवश्यक हैl शिक्षक का
व्यावसायिक व्यव्हार, व्यक्तिगत विशेषताये, उसका वातावरण तथा कार्य, जिनमे वह
संलिप्त रहता है, छात्रो के उन्नत अधिगम हेतु अनिवार्य महत्वपूर्ण पक्ष है(सरकार
एवं विस्वास, 2020) l
वह
शिक्षक ही है, जो ज्ञान के सृजन तथा युवा पीढ़ी में उसके संचरण
हेतु उत्तरदायी होता हैl वह शिक्षा तथा समाज के मध्य एक प्रत्यक्ष संपर्क का
निर्माण कर उसे बनाये रखता है (हालदार तथा रॉय, 2018) l
शिक्षक पर न केवल छात्रो को शिक्षित करने की जिम्मेदारी होती है, बल्कि छात्रो को
राष्ट्र के उद्देश्यपूर्ण निर्माण एवं भविष्य की चुनौतियों का सामना करने हेतु
तैयार करने की भी जिम्मेदारी होती है ( मीनाक्षी, 2017) l
शिक्षा में हो रहे सतत सुधारो की विविधता तथा उनके अनुप्रयोगों ने शिक्षको की
भूमिका को और भी अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया है (जुरैनी, 2007) l
विद्यालयी
शिक्षको में तनाव के प्रभाव - शिक्षको में व्याप्त तनाव शिक्षण में उनके
प्रदर्शन को बाधित करता है l वास्तविक रूप में तनाव का न्यून स्तर प्रदर्शन
में वृद्धि करता है, परन्तु तनाव का उच्च स्तर शिक्षको में शारीरिक (शुल्त्ज़ तथा
शुल्त्ज़,2002), मनोवैज्ञानिक भग्नाशा (फिशर एम. एच.,2011) तथा व्यवहारात्मक
समस्याओं( मीड, 2000) को जन्म दे सकता है l सदियों से शिक्षण को “संवेगात्मक
रूप से कठिन तथा संभवतः कुंठित” व्यवसाय
के रूप में जाना जाता है ( लाम्बर्ट, ओ’डोनेल्ल, कुशेरमन तथा मैक्कार्थी, 2006) l अन्य
व्यवसायों की तुलना में शिक्षको के व्यवसाय छोड़ने की दर अन्य व्यवसायो की तुलना
में सार्थक रूप से अधिक है (मिनारिक, थोर्न्टन तथा पेर्रेऔल्ट, 2003) l
विद्यालयी शिक्षको में तनाव के कारण – कई
शोधो में सिद्ध हो चुका है कि शिक्षक विभिन्न परिस्थितियों जैसे पाठ योजना
निर्माण, कक्षा अनुशासन को बनाये रखने (चैपलिन, 2008; काय्रिअसू & कुंक, 2007),
कक्षाकक्ष की मांगो तथा संसाधनों (मैक्कार्थी तथा अन्य, 2009), मुश्किल छात्रो से
निपटना तथा छात्रो के अभिभावकों का दबाव ( गेविंग, 2007) आदि में तनाव का अनुभव
करते है l शिक्षिकाएं
घर तथा कार्यस्थल की दोहरी जिम्मेदारी का निर्वहन करती है तथा उन पर कई सारी भूमिकाओं और उत्तरदायित्वों का भार होता है l यही
कारण है कि वे तनाव की अधिक चपेट में आती है, क्योंकि तनाव ख़राब कार्य – परिस्थितियों, संसाधनों की
कमी, कार्यभार की अधिकता तथा प्रशासनिक एवं पारिवारिक सहयोग की कमी के कारण
उत्पन्न होता है (दुआ एवं सांगवान, 2017) l
उद्देश्य –
प्रस्तुत अध्ययन का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड राज्य के अल्मोडा जिले के शासकीय,
अशासकीय तथा निजी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिकाओं के तनाव के स्तर की जाँच करना
हैl अध्ययन के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित है –
1- विद्यालयी
शिक्षिकाओं में तनाव स्तर की जाँच करना l
2- शासकीय
, अशासकीय तथा निजी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिकाओं की आयु, शैक्षिक योग्यता,
शैक्षणिक वर्ग तथा विद्यालयों के प्रकार आदि जनसांख्यिकीय चरों के आधार पर
उनके तनाव स्तर में व्याप्त सार्थक अंतर
की जाँच करना l
शोध
परिकल्पनाएं– प्रस्तुत अध्ययन की शोध परिकल्पनाएं निम्नलिखित है –
H01: (25- 40 ) आयु वर्ग तथा 40 वर्ष
से अधिक आयु वर्ग की विद्यालयी शिक्षिकाओं के तनाव स्तर में कोई सार्थक अंतर नही
होता है l
H02:
स्नातक एवं प्रशिक्षित / अप्रशिक्षित
तथा स्नातकोत्तर एवं प्रशिक्षित
शिक्षिकाओं के तनाव स्तर में कोई सार्थक
अंतर नही होता है l
H03: कला, विज्ञान तथा वाणिज्य
शैक्षणिक वर्ग के आधार पर शिक्षिकाओं के
तनाव स्तर में कोई सार्थक अंतर नही होता है l
H04: शासकीय , अशासकीय तथा निजी
विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिकाओं के
तनाव स्तर में कोई सार्थक अंतर नही होता है l
1. कार्यप्रणाली -
शोध
विधि - प्रस्तुत अध्ययन एक मात्रात्मक शोध है तथा इसमें वर्णनात्मक एवं
आनुमानिक विश्लेषण सम्मिलित है l
न्यादर्श-
अल्मोडा जिले के शासकीय,
अशासकीय तथा निजी माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत 150 शिक्षिकाओं
(प्रत्येक प्रकार के विद्यालय से 50 शिक्षिकाएं ) को उद्देश्यपूर्ण न्यादर्शन विधि
की सहायता से उक्त शोध अध्ययन के
लिए चयनित किया गया l
शोध उपकरण
- शोधकर्ती द्वारा निर्मित एवं मानकीकृत ‘अध्यापिका तनाव मापनी’ के
चयनित शिक्षिकाओं पर प्रशासन द्वारा तनाव स्तर तथा जनसांख्यकीय चरों से सम्बंधित
आंकड़ो का संग्रहण किया गयाl इस मापनी में कुल 89
पद तथा पांच आयाम है: 1- कार्य सम्बन्धी तनाव, 2- व्यक्तिगत तनाव, 3- वैवाहिक तनाव,
4- पारिवारिक भूमिका से सम्बंधित तनाव तथा 5- सामाजिक उत्तरदायित्वो से सम्बंधित
तनाव l
प्रदत्तो
का सांख्यिकीय विश्लेषण - चयनित शिक्षिकाओं के न्यादर्श से प्राप्त
आंकड़ो का SPSS
के संस्करण
29.0.1.0 के अनुप्रयोग द्वारा सांख्यिकीय विश्लेषण
किया गया l
निष्कर्ष एवं व्याख्या –
तालिका
नं. 1: विद्यालयी
शिक्षिकाओं में तनाव स्तर का मापन -
तनाव स्तर |
शिक्षिकाओं की संख्या (N ) |
प्रतिशत (%) |
निम्न
स्तर |
51 |
34.0 |
मध्यम
स्तर |
49 |
32.7 |
उच्च
स्तर |
50 |
33.3 |
कुल |
150 |
100.0 |
अतः
उपरोक्त तालिका से स्पष्ट है कि चयनित 150 विद्यालयी शिक्षिकाओं में से 34.0 प्रतिशत शिक्षिकाओं में (N=51) में
तनाव का निम्न स्तर, 32.7 प्रतिशत शिक्षिकाओं में (N=49) में
तनाव का मध्यम स्तर तथा 33.3
प्रतिशत शिक्षिकाओं में (N=51) में
तनाव का उच्च स्तर पाया
गया l
प्रस्तुत
अध्ययन की परिकल्पनाओं का परीक्षण निम्नलिखित है –
H01:
(25 - 40) आयु वर्ग तथा 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की विद्यालयी शिक्षिकाओं के तनाव
स्तर में कोई सार्थक अंतर नही होता है l
तालिका
नं0-2: (25 - 40) आयु वर्ग तथा 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की विद्यालयी
शिक्षिकाओं के तनाव स्तर की तुलना –
तनाव के आयामों तथा सम्पूर्ण तनाव के प्राप्तांक |
शिक्षिकाओं की संख्या |
मध्यमान |
प्रमाणिक विचलन |
p- मान |
||||
(25-40)
आयु वर्ग |
40
वर्ष से अधिक आयु वर्ग |
(25-40)
आयु वर्ग |
40वर्ष
से अधिक आयु वर्ग |
|
|
|||
(25-40
) आयु वर्ग |
40
वर्ष से अधिक आयु वर्ग |
|||||||
कार्य
सम्बन्धी तनाव |
102 |
48 |
41.78 |
41.38 |
8.065 |
8.185 |
.773 |
|
व्यक्तिगत
तनाव |
102 |
48 |
42.48 |
41.06 |
8.495 |
7.564 |
.325 |
|
वैवाहिक
तनाव |
102 |
48 |
49.16 |
49.19 |
11.729 |
11.100 |
.988 |
|
पारिवारिक
भूमिका से सम्बंधित तनाव |
102 |
48 |
58.31 |
54.56 |
9.614 |
10.030 |
.029 |
|
सामाजिक
उत्तरदायित्वो से सम्बंधित तनाव |
102 |
48 |
56.25 |
57.71 |
8.987 |
10.304
|
.377 |
|
सम्पूर्ण
तनाव |
102 |
48 |
247.98 |
243.90 |
38.026 |
36.941 |
.537 |
|
अतः
उपरोक्त तालिका से स्पष्ट है कि (25 - 40) आयु वर्ग की विद्यालयी शिक्षिकाओं तथा
40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की विद्यालयी शिक्षिकाओं के कार्य सम्बन्धी तनाव स्तर (p - मान= .773), व्यक्तिगत तनाव स्तर (p - मान=
.325),
वैवाहिक तनाव स्तर (p - मान= .988), सामाजिक उत्तरदायित्वो से
सम्बंधित तनाव स्तर (p - मान= .377) तथा सम्पूर्ण तनाव स्तर (p - मान=
.537) में कोई सार्थक अंतर नहीं पाया गया, क्यूँकि
गणना द्वारा प्राप्त p
- मान
0.05 से अधिक है l जबकि पारिवारिक भूमिका से सम्बंधित तनाव स्तर (p - मान=
.029) में
सार्थक अंतर पाया गया, क्यूँकि गणना द्वारा प्राप्त p - मान 0.05 से कम है l अतः कार्य
सम्बन्धी तनाव, व्यक्तिगत तनाव,
वैवाहिक तनाव, सामाजिक उत्तरदायित्वो से सम्बंधित तनाव तथा
सम्पूर्ण तनाव की दृष्टि से शून्य परिकल्पना H01 स्वीकृत की गई, परन्तु
पारिवारिक भूमिका से सम्बंधित तनाव की दृष्टि से उक्त शून्य परिकल्पना अस्वीकृत की गई l
H02: स्नातक एवं
प्रशिक्षित/अप्रशिक्षित तथा स्नातकोत्तर एवं प्रशिक्षित शिक्षिकाओं के तनाव स्तर
में कोई सार्थक अंतर नही होता है l
तालिका
नं0-3: स्नातक एवं प्रशिक्षित/अप्रशिक्षित तथा स्नातकोत्तर एवं प्रशिक्षित
विद्यालयी शिक्षिकाओं के तनाव स्तर की तुलना –
तनाव के आयामों तथा सम्पूर्ण तनाव के प्राप्तांक |
शिक्षिकाओं की संख्या |
मध्यमान |
प्रमाणिक विचलन |
p - मान |
|||
स्नातक
एवं प्रशिक्षित/अप्रशिक्षित |
स्नातकोत्तर
एवं प्रशिक्षित |
स्नातक
एवं प्रशिक्षित/अप्रशिक्षित |
स्नातकोत्तर
एवं प्रशिक्षित |
|
|
||
स्नातक
एवं प्रशिक्षित/अप्रशिक्षित |
स्नातकोत्तर
एवं प्रशिक्षित |
||||||
कार्य
सम्बन्धी तनाव |
25 |
125 |
37.60 |
42.46 |
5.965 |
8.219 |
.006 |
व्यक्तिगत
तनाव |
25 |
125 |
39.56 |
42.52 |
7.567 |
8.273 |
.100 |
वैवाहिक
तनाव |
25 |
125 |
41.96 |
50.61 |
9.918 |
11.276 |
<.001 |
पारिवारिक
भूमिका से सम्बंधित तनाव |
25 |
125 |
54.04 |
57.73 |
8.609 |
10.024 |
.088 |
सामाजिक
उत्तरदायित्वो से सम्बंधित तनाव |
25 |
125 |
50.48 |
57.96 |
6.917 |
9.377 |
<.001 |
सम्पूर्ण
तनाव |
25 |
125 |
223.64 |
251.28 |
31.044 |
37.209 |
<.001 |
अतः उपरोक्त तालिका से स्पष्ट है कि स्नातक एवं
प्रशिक्षित/अप्रशिक्षित विद्यालयी शिक्षिकाओं तथा स्नातकोत्तर एवं प्रशिक्षित विद्यालयी
शिक्षिकाओं के कार्य सम्बन्धी तनाव स्तर (p - मान= .006), वैवाहिक तनाव स्तर(p - मान=
<.001), सामाजिक
उत्तरदायित्वो से सम्बंधित तनाव स्तर (p - मान= <.001) तथा
सम्पूर्ण तनाव स्तर(p - मान= <.001) में सार्थक अंतर पाया गया, क्यूँकि गणना द्वारा
प्राप्त p - मान 0.05 से कम है जबकि व्यक्तिगत तनाव स्तर(p -
मान= .100) तथा
पारिवारिक भूमिका से सम्बंधित तनाव स्तर (p - मान= .088) में कोई सार्थक अंतर नहीं पाया गया, क्योंकि गणना द्वारा प्राप्त p - मान
0.05 से अधिक है l अतः कार्य सम्बन्धी तनाव,
वैवाहिक तनाव, सामाजिक उत्तरदायित्वो से सम्बंधित तनाव तथा
सम्पूर्ण तनाव की दृष्टि से शून्य परिकल्पना H02 अस्वीकृत की गई, परन्तु
व्यक्तिगत तनाव तथा पारिवारिक भूमिका से सम्बंधित तनाव की
दृष्टि से उक्त शून्य परिकल्पना स्वीकृत की गई l
H03: कला, विज्ञान तथा वाणिज्य
शैक्षणिक वर्ग के आधार पर विद्यालयी शिक्षिकाओं के तनाव स्तर में कोई सार्थक अंतर
नही होता है l
तालिका
नं0-4: कला, विज्ञान तथा वाणिज्य शैक्षणिक वर्ग की विद्यालयी शिक्षिकाओं के तनाव स्तर की तुलना
–
तनाव के आयामों तथा सम्पूर्ण तनाव के प्राप्तांक |
शिक्षिकाओं की संख्या |
मध्यमान |
प्रमाणिक विचलन |
p -मान |
|||||||
कला |
विज्ञान |
वाणिज्य |
कला |
विज्ञान |
वाणिज्य |
|
|
|
|||
कला |
विज्ञान |
वाणिज्य |
|||||||||
कार्य
सम्बन्धी तनाव |
111 |
37 |
2 |
41.42 |
42.32 |
42.00 |
7.852 |
8.895 |
8.485 |
.842 |
|
व्यक्तिगत
तनाव |
111 |
37 |
2 |
41.73 |
42.57 |
48.50 |
8.103 |
8.623 |
6.364 |
.464 |
|
वैवाहिक
तनाव |
111 |
37 |
2 |
49.07 |
49.05 |
56.50 |
11.251 |
12.461 |
7.778 |
.665 |
|
पारिवारिक
तनाव |
111 |
37 |
2 |
57.05 |
56.86 |
65.00 |
9.956 |
9.502 |
15.556 |
.524 |
|
सामाजिक
उ0 तनाव |
111 |
37 |
2 |
56.71 |
56.43 |
62.00 |
9.771 |
8.428 |
9.899 |
.720 |
|
सम्पूर्ण
तनाव |
111 |
37 |
2 |
245.99 |
247.24 |
274.00 |
37.298 |
38.668 |
48.083 |
.580 |
|
अतः
उपरोक्त तालिका से स्पष्ट है कि कला, विज्ञान तथा वाणिज्य शैक्षणिक वर्ग की विद्यालयी
शिक्षिकाओं के कार्य सम्बन्धी तनाव स्तर (pp - मान= .842), व्यक्तिगत तनाव स्तर (pp -
मान= .464),
वैवाहिक तनाव स्तर (p -
मान= .665),
पारिवारिक भूमिका से सम्बंधित तनाव स्तर (pp - मान= .524), सामाजिक उत्तरदायित्वो से
सम्बंधित तनाव स्तर (pp -
मान= .720) तथा
सम्पूर्ण तनाव स्तर (pp -
मान= .580) में कोई
सार्थक अंतर नहीं पाया गया, क्योंकि गणना
द्वारा प्राप्त p p- मान
0.05 से अधिक हैl अतः तनाव के उपरोक्त सभी आयामों तथा सम्पूर्ण तनाव की दृष्टि से
शून्य परिकल्पना HH03 स्वीकृत की गई l
HH04:
शासकीय, अशासकीय तथा निजी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिकाओं के तनाव स्तर में कोई सार्थक अंतर नही होता है l
तालिका
नं0-5: शासकीय, अशासकीय तथा निजी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिकाओं के
तनाव स्तर की तुलना –
तनाव के आयामों तथा सम्पूर्ण तनाव के प्राप्तांक |
शिक्षिकाओं की संख्या |
मध्यमान |
प्रमाणिक विचलन |
p - मान |
||||||
शास. |
अशा. |
निजी |
शास. |
अशास. |
निजी |
|
|
|
||
शास. |
अशास. |
निजी |
||||||||
कार्य
सम्बन्धी तनाव |
50 |
50 |
50 |
40.12 |
45.64 |
39.20 |
6.183 |
8.698 |
7.733 |
<.001 |
व्यक्तिगत
तनाव |
50 |
50 |
50 |
40.34 |
44.94 |
40.80 |
6.647 |
9.473 |
7.613 |
.008 |
वैवाहिक
तनाव |
50 |
50 |
50 |
49.64 |
54.02 |
43.84 |
9.899 |
11.206 |
11.178 |
<.001 |
पारिवारिक
तनाव |
50 |
50 |
50 |
57.10 |
59.62 |
54.62 |
8.313 |
10.363 |
10.351 |
.039 |
सामाजिक
उ0 तनाव |
50 |
50 |
50 |
56.22 |
62.12 |
51.80 |
8.676 |
6.997 |
9.528 |
<.001 |
सम्पूर्ण
तनाव |
50 |
50 |
50 |
243.42 |
266.34 |
230.26 |
28.170 |
35.182 |
39.860 |
<.001 |
अतः
उपरोक्त तालिका से स्पष्ट है कि शासकीय, अशासकीय तथा निजी विद्यालयों में कार्यरत
शिक्षिकाओं के कार्य सम्बन्धी तनाव स्तर (p - मान= <.001),
व्यक्तिगत तनाव स्तर(p - मान=
.008),
वैवाहिक तनाव स्तर(p - मान=
<.001), पारिवारिक
भूमिका से सम्बंधित तनाव स्तर(p - मान= .039), सामाजिक उत्तरदायित्वो से
सम्बंधित तनाव स्तर(p - मान= <.001) तथा सम्पूर्ण तनाव स्तर(p -
मान= <.001) में सार्थक अंतर पाया गया, क्योंकि गणना द्वारा प्राप्त p- मान 0.05 से कम है अतः तनाव
के उपरोक्त सभी आयामों तथा सम्पूर्ण तनाव की दृष्टि से शून्य परिकल्पना H04 अस्वीकृत की गईl
निष्कर्ष- प्रस्तुत
अध्ययन के परिणाम निम्नलिखित है-
1.
33.3 प्रतिशत विद्यालयी
शिक्षिकाएं उच्च स्तर के तनाव से ग्रस्त पाई गईl
2.
(25 - 40) आयु वर्ग की विद्यालयी शिक्षिकाओं में पारिवारिक
भूमिका से सम्बंधित तनाव का स्तर 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की विद्यालयी
शिक्षिकाओं की तुलना में अधिक़ पाया गया l
3.
स्नातक एवं प्रशिक्षित/अप्रशिक्षित विद्यालयी
शिक्षिकाओं में कार्य सम्बन्धी तनाव, वैवाहिक तनाव, सामाजिक
उत्तरदायित्वो से सम्बंधित तनाव तथा सम्पूर्ण तनाव का स्तर स्नातकोत्तर एवं
प्रशिक्षित विद्यालयी शिक्षिकाओं की तुलना में कम पाया गया l
4.
शिक्षिकाओं के तनाव स्तर पर उनके शैक्षणिक वर्ग का
कोई प्रभाव परिलक्षित होता हुआ नहीं पाया गया l
5.
विद्यालय के प्रकार का शिक्षिकाओं के तनाव स्तर
पर सार्थक प्रभाव परिलक्षित होता हुआ पाया गया l
अशासकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिकाएं सर्वाधिक तनावग्रस्त पाई गई l
उपसंहार
–
शिक्षा
की गुणवत्ता हेतु सर्वाधिक महत्वपूर्ण और अनिवार्य कारक है – गुणवत्तापूर्ण शिक्षक l
उपकरण, भवन , पुस्तकालय, प्रयोगशाला, समुदाय की आवश्यकताओं के अनुसार निर्मित
पाठ्यक्रम तथा अन्य अनिवार्य शिक्षण अधिगम सुविधाओ आदि उत्कृष्ट सामग्री संसाधनों
से युक्त किसी विद्यालय में यदि उपयुक्त तथा उत्साही शिक्षको का अभाव है तो शिक्षा
के सम्पूर्ण कार्यक्रम के निष्प्रभावी तथा निरर्थक होने की पूर्ण सम्भावना है l अतः
शिक्षा के वांछनीय लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु शिक्षको की प्रभावशीलता एक अनिवार्य
शर्त है l प्रस्तुत अध्ययन इस दिशा में एक साधारण प्रयास है, जहाँ शिक्षिकाओं के तनाव
स्तर का विभिन्न जनसांख्यिकीय चरों के सन्दर्भ में जांच की गई l
सन्दर्भ
सूची –
1.
दुआ, कविता एवं सांगवान , वीना. (2017). स्टडी ऑन
स्ट्रैस अमंग फीमेल हाई स्कूल टीचर्स ऑफ़ हरियाणा. दी इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ इंडियन
साइकोलॉजी, 4 (2), DIP: 18.01.055/20170402, http://www.iijp.in
2.
जुरैनी , जमालुद्दीन (2008 ). फैक्टर
पैन्युम्बैंग तेकानन डैन तहाप – तहाप तेकानन दलम कालांगन गुरु – गुरु दी सेकोलाह
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दीपिका
नेगी
असिस्टेंट प्रोफेसर
, शिक्षाशास्त्र
स्व0
चन्द्र सिंह शाही रा0स्ना0 महाविद्यालय कपकोट, बागेश्वर
ईमेल -deepika0negi@gamil.com
प्रो0
भीमा मनराल
विभागाध्यक्ष, शिक्षा संकाय, एस0
एस0 जे0 परिसर अल्मोड़ा
अपनी माटी (ISSN 2322-0724 Apni Maati) अंक-39, जनवरी-मार्च 2022
UGC Care Listed Issue चित्रांकन : संत कुमार (श्री गंगानगर )
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