अनुक्रमणिका
सम्पादकीय
धरोहर
बतकही
वैचारिकी
- सम्राट अशोक के कल्याणकारी बौद्ध धम्म का स्वरूप - डॉ. सुरजीत कुमार सिंह
- भारतीय किसान की चुनौतियाँ और संभावनाएं – जितेन्द्र यादव
- आचार्य तुलसी के काव्य में रसात्मक शब्दावली - डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंघवी
- भाषा और व्याकरण क्षेत्र में रामचन्द्र वर्मा का योगदान - राज कुमार
- तुलनात्मक साहित्य में अनुवादक की भूमिका एवं प्रासंगिकता - डॉ. रघुनाथ यादव
- स्त्री लेखन की परंपरा, स्त्री विमर्श से पहले - ज्योति
सिनेमा की दुनिया
पत्रकारिता के पहाड़े
- मीडिया, वर्चुअल लोकतंत्र और हिन्दी साहित्य - मुकेश पचौरी
- आजादी के आंदोलन में हरियाणा की पत्रकारिता की भूमिका का अध्ययन एवं विश्लेषण - डॉ. अशोक कुमार, डॉ. जगदीश यादव एवं डॉ. प्रदीप कुमार
- ग्रामीण विकास में सरकारी योजनाओं के विज्ञापनों का सामाजिक प्रभाव : विश्लेषणात्मक अध्ययन-चैताली बाघ पाण्डेय एवं डॉ.संतोष गौतम
- सामाजिक जनजागरण में डॉ. भीमराव अम्बेडकर की संचार शैली का अध्ययन - गिरीश शास्त्री एवं डॉ. कुंवर सुरेंद्र बहादुर
संघर्ष के दस्तावेज
- ‘जूठन’ में निहित सामाजिक प्रतिरोध का स्वर - डॉ. अब्दुल हासिम
- सर्वहारा की साहित्यिक यात्रा - डॉ. दर्शनी प्रिय
हूल-जोहार
समानांतर दुनिया
- हिंदी में साहित्यिक विवादों का स्वरूप ( संदर्भ: 'अनस्थिरता' शब्द और दिनकर का 'उर्वशी' विवाद ) - उर्वशी कुमारी
- भारतीय संस्कृति एवं स्त्री शिक्षा - डॉ. हेमन्त शर्मा
- थेरी गाथा : स्त्री अस्मिता का आख्यान - संजय यादव
- पितृसत्ता के विविध रूप और स्त्री-प्रतिरोध - सुरेश कुमार जिनागल
विरासत
- सिद्ध सरहपा का समय तथा उनकी ऐतिहासिकता - करमचंद
- संत तुकाराम का समाजशास्त्र एवं वर्तमान प्रासंगिकता : समाजशास्त्रीय पाठ - डॉ. विमल कुमार लहरी
- मोबाइल : वरदान या अभिशाप : एक समाजशास्त्रीय अध्ययन - राकेश सैनी
लोक का आलोक
- ईदु मिश्मी लोक-कथाओं का चतुर पुरुष ‘‘आनो’’ ( आन्नो ) - डॉ. अभिषेक कुमार यादव एवं श्री मुको देले
- उत्तर भारत के ग्रामीण समुदाय के लोगों की चिकित्सा दुनिया : स्थापित पद्धतियों से संबंध - सीताराम एवं डॉ. प्रशांत खत्री
- झारखण्ड की जनजातीय लोक चित्रकला - दीपाली एवं डॉ. मनोज कुमार
- राजस्थान के लोकगीतों में प्रेम और विरह - डॉ. बालूदान बारहठ
- अलग-अलग वैतरणी : ग्रामात्मा की खोज - डॉ. गजाधर यादव
अनकहे-किस्से
- 'दीवार में एक खिड़की रहती थी' उपन्यास में भाषाई विनोदियत - रोहित जैन एवं डॉ. सीमा चंद्रन
- कृष्णा सोबती की रचनाओं में सृजन परिवेश - सपना तिवारी
- ज्ञान चतुर्वेदी के उपन्यासों में धार्मिक व्यंग्य का स्वरूप - बजरंग लाल मीणा
- बलचनमा और कोठे खड़क सिंह के आँचलिक सौंदर्य का तुलनात्मक अध्ययन - ज्योति एवं डॉ. बिजय कुमार प्रधान
दीवार के उस पार
देशांतर
कवितायन
- दिनकर की शुद्ध कविता की खोज़ः एक अध्ययन - डॉ. विमलेश शर्मा
- रघुवीर सहाय की भाषा-शैली - डॉ. सत्यवन्त यादव
- लीलाधर मंडलोई का काव्य संसार : बाज़ारवाद और पर्यावरणीय चेतना - विकास कुमार यादव
- कामायनी की सभ्यता-समीक्षा व विकल्प - प्रशान्त राय
नीति-अनीति
- शिक्षा एवं बाल-मन की व्यथा के साहित्यिक संस्मरण : टैगोर से वर्तमान तक - मुहम्मद शहीर सिद्दीक़ी
- भारतीय सेवा क्षेत्र-चुनौतियॉ एवं सम्भावनाएं- डॉ.दिनेश कुमार तिवारी
- आधुनिक ओलंपिक में भारतीय हॉकी का स्वर्णिम युग और उसका पतन : एक विवेचना - श्याम लाल सिंह यादव
- पारिस्थितिकी पर्यटन उद्योग- डॉ. आनंद कुमार सिंह
- कविशिरोमणि कालिदास : कृतियाँ एवं वैशिष्ट्य -श्रीमती कृती भारद्वाज
- विद्यालयी शिक्षिकाओं के समायोजन का तुलनात्मक अध्ययन-दीपिका नेगी एवं प्रो0
भीमा मनराल
- उत्तराखण्ड की महिलाओं को समर्पित अनूठी परम्परा: भिटौली- शिखा पाण्डेय एवं डॉ॰ हेम चन्द्र पाण्डेय
- महिला सशक्तिकरण में प्रधानमंत्री आवास योजना का योगदान - दीपक कुमार दास एवं डॉ. रंजीत कुमार झा
बींद-खोतली
- भारत की भाषायी विविधता में स्वास्थ्य संचार: चुनौतियाँ एवं संभावनाएं - अजय कुमार तिवारी एवं डॉ. कुंवर सुरेंद्र बहादुर
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता का भविष्य में ग्रंथालयों पर प्रभाव-डॉ. विकास नगराले
- कबीर के काव्य में आर्थिक चिंतन - दीपक कुमार भारती
अध्यापकी के अनुभव
समीक्षायन
- स्त्री निर्मिति : सुजाता - विष्णु कुमार शर्मा
- ‘ओह रे! किसान’ की यात्रा से गुजरते हुए - डॉ. महेश दवंगे
कथेतर का कौना
- यात्रा साहित्य में आधी आबादी और उनके मुद्दे - डॉ. छोटू राम मीणा
- उठ और जीवितों के जगत में प्रवेश कर ! ( भगवतशरण उपाध्याय कृत नारी रिपोर्ताज पर आधारित ) - डॉ. नमस्या
- यात्रा-साहित्य की सैद्धांतिकी और अज्ञेय का चिंतन - बृजेश कुमार यादव
यवनिका पतन
- स्त्रीवादी रंगमंच के विकास में नाट्य-मंडलियों की भूमिका : हिन्दी तथा मलयालम के विशेष संदर्भ में - डॉ. अपर्णा वेणु
- अभिज्ञान शाकुन्तलम् पर आधारित भारतीय चित्रकृतियों का अध्ययन (रस सिद्धान्त के विशेष संदर्भ में) - कपिल शर्मा
कहानी का पन्ना
कुछ कविताएँ
अपनी माटी (ISSN 2322-0724 Apni Maati) अंक-41, अप्रैल-जून 2022 UGC Care Listed Issue
सम्पादक-द्वय : माणिक एवं जितेन्द्र यादव, चित्रांकन : सत्या सार्थ (पटना)
साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में अपनी माटी बहुत ही बेहतरीन पत्रिका है । इसकी पूरी टीम बड़े ही मनोयोग से पत्रिका के प्रकाशन में संलग्न है । पत्रिका के सम्पादक मण्डल सहित सम्पूर्ण टीम को हृदय से साधुवाद ।
जवाब देंहटाएंअशोक मौर्य जी सम्राट का आलेख,,हिंसा से अहिंसा की और,,,लेकिन मध्यकाल में ऐसा कोई शासक नहीं हुआ,,विशेषत तथाकथित दिल्ली राजधानी के संदर्भ में,,आलेख सुंदर भावों युक्त
जवाब देंहटाएंअपनी माटी की पूरी टीम जितनी ईमानदारी,निष्पक्षता और तन्मयता से अपना कार्य करती है वो सराहनीय है। डॉ. विमलेश शर्मा का शोध आलेख बहुत ही कमाल है। भाषा काफी आकर्षक है।
जवाब देंहटाएंइस अंक की अनुक्रमणिका में यह प्रत्यक्ष हो रहा है कि आलेख चयन में प्रासंगिक विषयों को तरज़ीह दिया गया है। समसामयिक सरोकारों एवं साहित्यिक विमर्शों के सम्यक संकलन से पत्रिका का यह अंक शानदार है। इस अंक में संकलित स्त्री सम्बंधित सभी आलेखों पर जल्द ही एक सार्थक टिप्पणी करूँगा।
जवाब देंहटाएं'अपनी माटी' पत्रिका के शोध आलेख स्तरीय एवं प्रासंगिक होते हैं, हमेशा बेहतर करने में प्रयासरत संपादकीय कार्य प्रशंसनीय है, यह पत्रिका निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर हो ईश्वर से यही प्रार्थना है। अग्रिम शुभकामनाएं।
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