शोध-सार : 20 फरवरी 1960 को अस्तित्व में आये चमोली जिले के 10 ब्लॉक में से एक ब्लॉक जोशीमठ हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा होने के कारण प्राकृतिक परिदृश्यों व प्राकृतिक संपदा से समृद्ध है। यह ब्लॉक उत्तर में चीन से अन्तर्राष्ट्रीय सीमा साझा करता है वही पूर्व में पिथौरागढ़ जिला तथा पश्चिम में उत्तरकाशी व रुद्रप्रयाग ब्लॉक के पड़ोसी जिले हैं। पर्यटन यहाँ की अर्थव्यवस्था व लोगों की आजीविका का प्रमुख स्रोत है। जोशीमठ ब्लॉक में प्रमुख पर्यटन स्थल बद्रीनाथ, जोशीमठ, माणा, फूलों की घाटी, हेमकुण्ड साहिब आदि है। बद्रीनाथ प्रमुख चार धामों में से एक है व लगभग 3100 मी. की ऊंचाई पर स्थित है जो भारतीय पर्यटकों के लिये प्रमुख दर्शनीय स्थल है व अपने मनोरम प्राकृतिक दृश्यों के कारण विदेशी पर्यटकों को भी ये पर्यटन स्थल आकर्षित करते हैं। पर्यटन को प्रभावित करने वाले कारकों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्राकृतिक आपदायें भी इस ब्लॉक की प्रधान समस्या है, जिसके कारण यहाँ पर्यटकों की संख्या में काफी उतार-चढ़ाव दृष्टिगत होता है। प्रस्तुत शोध पत्र में जोशीमठ ब्लॉक में भारतीय व विदेशी पर्यटकों का स्थानिक व कालिक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है जिससे पर्यटक स्थलों पर वर्ष 2000-2018 के मध्य पर्यटक आगमन की अलग-अलग प्रवृत्ति की स्पष्ट की जानकारी प्राप्त होगी। यह जानकारी पर्यटन सम्बन्धी नीति निर्धारण में भी सहायक होगी।
चमोली राज्य व जोशीमठ ब्लॉक
की अर्थव्यवस्था में पर्यटन बहुत महत्वपूर्ण योगदान रखता है। पर्यटन यहाँ के निवासियों
की आजीविका का महत्वपूर्ण साधन व ब्लॉक के विकास को बढ़ाने का भी साधन है। यह ब्लॉक
प्राकृतिक आपदाओं जैसे-बादल फटना, भूस्खलन, बाढ़, भूकम्प व वनाग्नि आदि से भी ग्रसित है। ये आपदायें
यहाँ की प्राकृतिक व मानव निर्मित संपदा को बहुत हानि पहुँचाती हैं, इसके साथ ही प्राकृतिक आपदायें पर्यटन को अत्यधिक प्रभावित करने व आधारभूत
संरचना के विनाश का भी कारण बनती है।
वर्ष 2000 - 2018 के मध्य चमोली व जोशीमठ ब्लॉक में आयी आपदाएँ निम्न हैं -
भूकंप - 31 मार्च 2006 व 15 मई 2009 चमोली जिले में भूकंप की घटना अंकित की गयी। वर्ष 2011 में मार्च माह से दिसंबर माह के मध्य 4 बार भूकंप के झटके महसूस किये गए। मई 2012 के मध्य लगभग 3.6 (रिक्टर स्केल) तीव्रता के 3 कम्पनों ने चमोली जिले को प्रभावित किया। वर्ष 2015 में अप्रैल माह में भी कुछ मंद तीव्रता के भूकंप दर्ज किये गए।
बादल फटना - जोशीमठ जिले में प्रमुख आपदाओं में से एक आपदा बादल फटने की है। वर्ष 2004 में बद्रीनाथ में बादल फटने की घटना हुयी। वर्ष 2005 व 2007 में भी बादल फटने से जोशीमठ ब्लॉक प्रभावित हुआ। पुनः वर्ष2009 व 2010में भी ऋषिकेश - बद्रीनाथ नेशनल हाईवे व चारधाम टूरिस्ट सर्किट में भी बादल फटने की अनेक घटनाएँ घटित हुयी । जून2013 में बद्रीनाथ में बादल फटने की घटना द्वारा भारी मात्रा में जान- माल की हानि हुई तथा वर्ष2016 व 2018 भी इस आपदा की दृष्टि से संवेदनशील वर्ष रहे।
भूस्खलन व बाढ़- वर्ष 2009, 2010, 2013 व 2018 में भूस्खलन व बाढ़ की कई घटनाएँ घटित हुयी। जिनमें मुख्य घटनाएँ ऋषिकेश - बद्रीनाथ नेशनल हाईवे, चारधाम मार्ग व बद्रीनाथ में इन आपदाओं की तीव्रता अधिक रही जिससे आधारभूत संरचना के साथ -साथ जोशीमठ ब्लॉक के निवासियों व यहाँ आने वाले अनेक पर्यटकों को भी जान माल की काफी हानि हुई।
प्रस्तुत शोध पत्र में 12 पर्यटन स्थलों (चित्र-1) जोशीमठ (गोविन्द घाटव घांघरिया सहित), विष्णुप्रयाग, बद्रीनाथ, माणा,
हनुमान छत्ती मंदिर, फूलों की घाटी, हेमकुण्ड साहिब, कागभुसण्डी ताल, चिनाब झील, नरसिंह मंदिर, ओली व
नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान में भारतीय व विदेशी पर्यटकों के आगमन के वर्ष 2000-
2018 तक के आँकडों का विश्लेषण किया गया है जिसके माध्यम से भारतीय व
विदेशी पर्यटक आगमन की अलग-अलग प्रवृत्ति की जानकारी प्राप्त होगी।
[स्रोत – uttarakhandtourism.gov.in,
euttaranchal.com]
अध्ययन का महत्व
जोशीमठ ब्लॉक में अनेक पर्यटन स्थल हैं जो अधिक ऊँचाई पर स्थित हैं व विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से निरन्तर प्रभावित होने के कारण इस ब्लॉक का अधिक विकास संभव नहीं हो पाया है। जोशीमठ ब्लॉक की आय का मुख्य साधन पर्यटन है। धार्मिक पर्यटन जोशीमठ में महत्वपूर्ण स्थान रखता है परन्तु अभी भी पर्यटकों के लिये उच्च स्तर की सेवायें यहाँ स्थापित नहीं हो सकी है। प्रस्तुत शोध पत्र में जोशीमठ ब्लॉक में पर्यटकों का कालिक व स्थानिक विश्लेषण स्पष्ट किया गया है जिसके माध्यम से न केवल प्रमुख प्राकृतिक आपदाओं का पर्यटकों पर प्रभाव अपितु कौन- से पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों का झुकाव अधिक है इसके बारे में जानकारी प्राप्त होगी तथा भारतीय व विदेशी पर्यटकों की विभिन्न पर्यटन स्थलों पर आगमन प्रवृत्ति स्पष्ट होगी जिससे पर्यटन विकास के लिये राज्य में बनने वाली नीतियों में ऐसे सुझावों को शामिल किया जा सके कि किस प्रकार इन स्थलों पर पर्यटकों के लिए अधिक सुविधाओं को विकसित किया जा सकता है जिससे चमोली जिले व जोशीमठ ब्लॉक के प्रमुख उद्योग पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिले व रोजगार के अवसरों में विविधता उत्पन्न हो सके तथा लोगों का रोजगार न मिलने के कारण होने वाला पलायन कम हो। इस प्रकार ब्लॉक का संपोषणीय विकास तीव्र गति से संपन्न हो सकेगा।
क्रियाविधि-
प्रस्तुत शोध पत्र में प्रयोग
की गयी क्रियाविधि को चार चरणों द्वारा स्पष्ट किया गया है-
(3) कालिक व स्थानिक
विश्लेषण से प्राप्त तथ्यों के आधार पर भारतीय व विदेशी पर्यटकों की तीन भागों निम्न,
मध्यम व उच्च में विभाजित किया व कालिक विश्लेषण को ग्राफ के माध्यम
से दर्शाया गया।
(4) स्थानिक व
कालिक विश्लेषण के आधार पर तथा वर्ष 2000 से 2018 के मध्य ब्लॉक में स्थित प्रत्येक पर्यटन स्थल पर पर्यटकों के आगमन की प्रवृत्ति
का पता लगाया गया व तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया।
विश्लेषण द्वारा विभाजित की गयी तीन श्रेणियाँ
निम्नांकित हैं-
विदेशी पर्यटकों के अध्ययन के
आधार पर प्रथम श्रेणी 6 चिनाब झील,
हेमकुंड साहिब,कागभुसण्डी ताल, नरसिंह मंदिर, ओली,नंदा देवी नेशनल
पार्क स्थल, द्वितीय श्रेणी में 3 स्थल जोशीमठ
(गोविन्द घाटव घांघरिया सहित) व विष्णुप्रयाग,
फूलों की घाटी व तृतीय श्रेणी में 3 स्थल बद्रीनाथ,
माणा, हनुमानछत्ती मंदिर सम्मिलित है। पर्यटन स्थलों की पहचान करने
के लिये विभिन्न टूरिज्म वेबसाइट्स से जानकारी एकत्र की गयी व पर्यटकों की संख्या के
आँकड़े उत्तराखण्ड पर्यटन विभाग की वेबसाइट से लिये गये।
जोशीमठ ब्लॉक में पर्यटकों का
कालिक व क्षेत्रीय विश्लेषण-
भारतीय पर्यटक-
जोशीमठ ब्लॉक मुख्यत: हिन्दू धार्मिक पर्यटन स्थलों में प्रधान है अत: भारतीय पर्यटक यहाँ प्रचुर संख्या में धार्मिक स्थलों के दर्शन हेतु प्रत्येक वर्ष आते है। जोशीमठ ब्लॉक में भारतीय पर्यटक आगमन के प्राप्त आँकड़ों का विश्लेषण करने पर निम्नलिखित 4 प्रकार की प्रवृत्ति स्पष्ट होती है(ग्राफ-1)
[स्रोत - प्राथमिक व द्वितीयक
आँकड़ों का समग्र विश्लेषण (द्वितीयक आँकड़े प्राप्त –uttarakhandtourism.gov.in)]
(2) दूसरी प्रवृत्ति अधिक उतार-चढ़ाव
की है- जिसमें बद्रीनाथ, माणा व हनुमानछत्ती
मंदिर पर्यटन स्थल शामिल है। इसमें वर्ष 2001 व 2004 में मंद गिरावट के साथ वर्ष 2008-2009 में तीव्र बढ़ोत्तरी
व गिरावट अंकित हुयी। गिरावट का मुख्य कारण वर्ष 2009 में चमोली
में भूकम्प, जोशीमठ में बादल फटने, भूस्खलन
व बाढ़ जैसी आपदाएँ है। वर्ष 2013 में इस श्रेणी में भी तीव्र
गिरावट प्रदर्शित हुयी जिसका कारण वर्ष 2013 की केदारनाथ त्रासदी
थी जिसका प्रभाव जोशीमठ ब्लॉक में भी अत्यधिक रहा ।
(3) तीसरी प्रवृत्ति मंद उतार-चढ़ाव
की है- जिसमें हेमकुण्ड साहिब व कागभुसंडी ताल पर्यटन स्थलों
में 2001, 2004, 2010, 2013, 2014 में प्राकृतिक आपदाओं के कारण
पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज की गयी।
(4)शेष 5 पर्यटक स्थलों - ओली, नरसिंह मंदिर, चिनाब झील, फूलों की घाटी, नंदा
देवी नेशनल पार्क में भारतीय पर्यटकों की संख्या काफी कम रही व लगभग समानान्तर प्रवृत्ति
देखी गयी।
[स्रोत - प्राथमिक व द्वितीयक
आँकड़ों का समग्र विश्लेषण (द्वितीयक आँकड़े प्राप्त –uttarakhandtourism.gov.in)]
(1) बहुत अधिक उतार-चढ़ाव वाले
दो पर्यटन स्थल जोशीमठ (गोविन्द घाटव घांघरिया सहित) व विष्णुप्रयाग हैं। यहाँ वर्ष 2002 व 2007 में तीव्र गिरावट, वर्ष 2009 -2012 में तीव्र उभार व पुन: वर्ष 2013-2014 में तीव्र कमी
दृष्टिगत होती है। तीव्र गिरावट का प्रमुख कारण जोशीमठ ब्लॉक में उपरोक्त वर्षों में
घटित भूस्खलन व बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएँ हैं ।
Ø जोशीमठ
ब्लॉक में भारतीय पर्यटकों का आगमन विदेशी पर्यटकों से अधिक है।
Ø प्राकृतिक
आपदाओं के कारण आगमन में उतार-चढ़ाव विदेशी पर्यटकों के मुकाबले भारतीय पर्यटकों में
अधिक है परन्तु जून 2013
की
बाढ़ द्वारा दोनों प्रकार के पर्यटक अधिक मात्रा में प्रभावित हुए तथा भारी कमी इस
वर्ष व अगले वर्ष दर्ज की गयी।
Ø सर्वाधिक
भारतीय व विदेशी पर्यटक जोशीमठ (गोविन्द घाटव घांघरिया
सहित) व विष्णुप्रयाग में
आये। तथा सबसे कम पर्यटक नंदा देवी नेशनल पार्क में दर्ज हुए। नंदा देवी नेशनल पार्क
में इको- टूरिज्म विकास की अपार संभावनाएँ हैं व यहाँ पर्यटकों के लिए पर्याप्त सुविधाएँ
विकसित की जानी चाहियें जिससे भविष्य में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो सके ।
Ø वर्ष 2011 वह वर्ष है जिसमें भारतीय व विदेशी दोनों प्रकार के पर्यटकों द्वारा सभी 12 पर्यटन स्थलों पर वृद्धि अंकित की गयी। वर्ष 2013 में सभी पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आयी। वर्ष 2007, 2014, 2018 में दोनों प्रकार के पर्यटकों की संख्या में लगभग सभी पर्यटन स्थलों पर वृद्धि अंकित हुई। भारतीय पर्यटकों की संख्या लगभग सभी पर्यटन स्थलों पर वर्ष 2001, 2004, 2012 में कम हुई जबकि विदेशी पर्यटक आगमन में कमी की प्रवृत्ति वर्ष 2009, 2014, 2015 में रही। वर्ष 2010 सभी पर्यटकों के लिये काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा। जोशीमठ ब्लॉक में भारतीय पर्यटकों की अधिकतम संख्या 15 लाख से ऊपर रही वहीं विदेशी पर्यटकों की अधिकतम संख्या 2-3 हजार के करीब रही। इस अंतर का मुख्य कारण जोशीमठ ब्लॉक में हिन्दू धार्मिक स्थलों का अधिक होना है।
1) Annual Report. New Delhi: Ministry of Tourism Government of India. Website: www.uttarakhandtourism.gov.in 2018.
3) Bharti Jaiswal, Madhu Bisht, Tourism Sector in Uttarakhand: A Brief Overview after the State Formation, International Journal of Research in Economics and Social Sciences, (2017), 277-295.
4)Deep Mala Bhardwaj, Anupam Pandey, Problems and Prospects of Sustainable Tourism Development: A Case Study of Chamoli district Uttarakhand, Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, Ignited Minds Journals, (2017),871 – 875.
9)K. H. V. Durga Rao, V. Venkateshwar Rao, V. K. Dadhwal and P. G. Diwakar, Kedarnath flash floods: a hydrological and hydraulic simulation study, Current Science, (2014), 598 – 603.
डॉ. दीपशिखा शर्मा(शोध निर्देशिका)
एसोसिएट प्रोफेसर, भूगोल
विभाग, आर. जी. पी. जी. कॉलेज मेरठ
दीपांक्षी सिंह(शोधार्थी)
असिस्टेंट प्रोफेसर, भूगोल
विभाग,
के. एम. जी. जी. पी. जी. कॉलेज बादलपुर, गौतम बुद्ध नगर
deepankshisingh1994@gmail.com, 7417072135
सम्पादक-द्वय : माणिक एवं जितेन्द्र यादव, चित्रांकन : धर्मेन्द्र कुमार (इलाहाबाद)
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