1. हिन्दी का
प्रतिबंधित साहित्य और साहित्य का इतिहास -प्रो. मैनेजर पाण्डेय
2. प्रतिबंधित संस्कृत साहित्य -प्रो. राधावल्लभ त्रिपाठी (01)
3. प्रतिबंधित हिन्दी पत्रकारिता- प्रो. संतोष भदौरिया (21)
4. सत्ता का प्रतिरोध और प्रतिबंधित हिन्दी साहित्य -डॉ. रुस्तम राय (70)
5. हम बेकसों ने देखा है राज जालिमाना -निरंजन सहाय (20)
6. प्रेमचंद और प्रतिबंधित साहित्य -आशुतोष पार्थेश्वर (81)
7. बिहार के कवियों की जब्तशुदा नज़्में -डॉ. मो. जाकिर हुसैन (83)
8. भारतीय इतिहास और प्रतिबंधित हिन्दी साहित्य में दलित चेतना -डॉ. मधुलिका बेन पटेल (66)
9. 'नील दर्पण’ और ‘मा भूमि’ : लेखन, प्रकाशन, मंचन, अनुवाद और प्रतिबन्ध की राजनीति -डॉ. भीमसिंह (08)
10. बंगाल-विभाजन और ‘कीचकवध’: प्रतिबंध और राजनीति -डॉ. प्रकाश कृष्णा कोपार्डे (80)
12. आजादी के तराने : भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष की स्वर्णिम गाथा -डॉ. शशिकला जायसवाल (99)
13. इतिहास में दर्ज भारतीय समाज का यथार्थ और उसका विरोधाभास : एक सामाजिक विश्लेषण -घनश्याम कुशवाहा (29)
14. इतिहास के आईने में प्रतिबंधित साहित्य- डॉ. मीना (60)
15. ज़ब्तशुदा प्रेमचंद की कहानियां और हिन्द स्वराज : सिद्धांत, विचार और मूल्यों की आवाजाही -राजकुमार (20)
16. प्रतिबंधित साहित्य : अनकही दास्तान -डॉ. ज्योति यादव (47)
17. 'कल्याण' पत्रिका के प्रतिबंधित अंक के अंतर्वस्तु का विश्लेषण -डॉ. अख्तर आलम (05)
18. हिंदी का प्रतिबंधित साहित्य (1900 ई. से 1950 ई. तक) -डॉ. अखिल मिश्र (50)
19. प्रतिबंधित साहित्य के आलोक में ‘बुंदेलखण्ड केसरी’-डॉ. संगीता मौर्य (02)
20. अंग्रेजी साम्राज्य में प्रतिबंधित हिंदी और बांग्ला साहित्य : एक नज़र -सरस्वती कुमारी (77)
21. ‘स्वदेश’: स्वराज्य का स्वप्न -निरंजन कुमार यादव (11)
22. ब्रिटिश राज में प्रतिबंध संबंधी कानूनों का इतिहास -आशुतोष कुमार पाण्डेय (72)
23. झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई और हिंदी का प्रतिबंधित साहित्य -मधुरा केरकेट्टा (84)
24. प्रतिबंधित हिंदी नाटकों की अंतर्वस्तु -डॉ. भावना (30)
25. अट्ठारह सौ सत्तावन केन्द्रित लोकगीत और इतिहास लेखन की समस्याएं -सुनील कुमार यादव (70)
26. देश की बात : देवनारायण द्विवेदी -वर्षा गुप्ता (16)
27. हिन्दी नवजागरण और प्रतिबंधित साहित्य में प्रतिरोध के स्वर -अमित कुमार (24)
28. प्रतिबंधित उर्दू गीतों में अभिव्यक्त स्वाधीनता की चेतना -अजीत आर्या (76)
29. औपनिवेशिक मानसिकता का विश्लेषण न्गुगी वा थ्योंगो के रचनात्मक अवदान के विशेष संदर्भ में -विकास शुक्ल (18)
30. 'हिंद स्वराज' अंग्रेजी नीतियों के प्रति जागरण का स्वर -डॉ. श्वेता सिंह (43)
31. ब्रिटिश भारत में विद्रोही हिन्दी पत्रकारिता का एक चेहरा (‘चाँद’ का ‘फाँसी’ अंक) -पंकज सिंह यादव (52)
32. यथार्थ के आईने में 'अंगारे' की आवाज़ -आशीष कुमार वर्मा (91)
33. स्वतंत्रता पूर्व प्रतिबंधित नाटक और 'नील दर्पण' -अरहमा खान (11)
34. हिन्दू पंच का ‘बलिदान अंक’ -विनीत कुमार पाण्डेय (58)
35. प्रतिबंधित लोक साहित्य में 'गांधी' -सोनम तोमर (12)
36. 'अभ्युदय' का भगत सिंह विशेषांक -श्रुति ओझा (67)
37. भगत सिंह, क्रांति और प्रतिबंधित हिन्दी पत्र ‘भविष्य’-अभिषेक उपाध्याय (61)
38. विनायक दामोदर सावरकर की दृष्टि में 1857 का स्वातंत्र्य समर -श्रुति पाण्डेय (57)
39. स्वतंत्रता की पुकार : अग्निवीणा -धर्मवीर (14)
40. प्रतिबन्धित हिन्दी नाट्य साहित्य में स्त्रियों की भूमिका -आशुतोष (88)
41. प्रतिबन्धों के दौर में अप्रतिहत संन्यासी : स्वामी भवानी दयाल -बृजेश सिंह कुशवाहा (25)
42. स्वाधीनता आंदोलन और हिन्दी के प्रतिबंधित नाटक -श्वेता यादव (40)
43. औपनिवेशिक सरकार के प्रतिबन्ध और रामरख सिंह सहगल की पत्रकारिता -गौरव सिंह (78)
44. जन-जगृति की अमर कृति 'भारत-भारती' -तेजप्रताप तेजस्वी (35)
45. राज्यसत्ता, हिंदी की मुख्यधारा तथा कुछ ज़ब्तशुदा कविताएँ और प्रतिबंधन -करमचंद साहू (63)
46. प्रेमचंद की प्रतिबंधित कहानियों में स्त्री जीवन -मनीष सोलंकी (46)
47. औपनिवेशिक भारत में प्रतिबंधित पुस्तक ‘स्वदेशी आंदोलन और बायकाट’ का आलोचनात्मक अध्ययन -शशि शर्मा (10)
48. ब्रितानी हुकूमत और किस्सागो की बगावत- निरंजन सहाय व हरिभूषण यादव (87)
50. प्रेमचंद की प्रतिबंधित कहानियाँ और मुक्ति का स्वर -मुक्ति प्रभात जैन व डॉ. संजय रणखाम्बे (73)
51. प्रतिबंधित उर्दू कविता और हसरत मोहानी - प्रो. शकीला खानम एवं गौरव सिंह (39)
परिशिष्ट
सुन्दर और सराहनीय प्रयास।यह अंक सभी साहित्य साधकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।👏👏
जवाब देंहटाएंहिंदी साहित्येतिहास लेखन ने जिस गम्भीर विषय की अनदेखी की थी उस दृष्टि से यह कार्य सराहनीय है। आशा करते हैं इस तरह के अनछुए विषयों पर अंक और भी आते रहेंगे। आगामी शुभकामनाओं के साथ धन्यवाद। 🙏
जवाब देंहटाएंप्रस्तुत विशेषांक को लेकर सभी तरफ से स्वागत हुआ है......गजेंद्र जी की मेहनत और गंभीरता का ही यह सब परिणाम है.
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