अपनी माटी ( साहित्य और समाज का दस्तावेज़ीकरण ) अपनी माटी (ISSN 2322-0724 Apni Maati) अंक-46, जनवरी-मार्च 2023 UGC Care Listed Issue सम्पादक-द्वय : माणिक व जितेन्द्र यादव चित्रांकन : नैना सोमानी (उदयपुर) |
अनुक्रमणिका
सम्पादकीय
धरोहर
समीक्षायन
गीत-ग़ज़ल और कविताएँ
बतकही
- लैंगिकता सिर्फ जैविक सच नहीं है, यह एक सामाजिक और राजनीतिक संरचना भी है : कथाकार कविता ( शशिभूषण मिश्र की बातचीत) (99)
- इतिहास के रथ-चक्र को उल्टा नहीं चलाया जा सकता : डॉ. सत्यनारायण व्यास (डॉ. नंदकिशोर महावर की बातचीत) (32)
- प्रतिरोध का जोखिम तो उठाना ही पड़ेगा : महेश कटारे ‘सुगम’ (डॉ. दीपक कुमार की बातचीत) (93)
अध्यापकी के अनुभव
कथेतर का कोना
- संस्मरण : खेतु!खेतु! चिटकी दे -डॉ. हेमंत कुमार (17)
- यात्रावृत्त : विरासत हुए साहस का संगम स्थल : अंडमान एवं निकोबार -डॉ. मुकेश कुमार मिरोठा (83)
वैचारिकी
पत्रकारिता के पहाड़े
संघर्ष के दस्तावेज
हूल-जोहार
समानांतर दुनिया
- कौसानी क्षेत्र के चाय बागान में कार्यरत महिला श्रमिकों की समस्याओं का एक समाजशास्त्रीय अध्ययन -सावित्री एवं डॉ. एम.पी. सिंह (75)
- कुरीतियों और अस्वस्थ परम्पराओं की शिकार होती भारतीय महिलाएं -डॉ. राशिदा अतहर एवं जितेन्द्र कुमार सरोज (8)
- महामोह : अहल्या की जीवन कथा : स्त्री विमर्श के विविध आयाम -डॉ. राजेश कुमारी कौशिक (34)
विरासत
- आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबंधों में चित्रित मिथकीय चेतना का अध्ययन -डॉ. सरिता विश्नोई (98)
- काशी से बनारस : धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से -डॉ. शशिकला (21)
- रीतिकालीन साहित्य इतिहास लेखन और मुग़ल बादशाहों की हिंदी कविताएं -डॉ. रामानुज यादव (72)
- मानवीय मूल्यों के संपोषक : संत कबीर और तुकाराम/ कविता सरोज (3)
संस्कृति की जाजम
- जगद्गुरु रामानंदाचार्य के अनुसार प्रपत्ति की अधिकारिता -डॉ. जितेंद्र थदानी (57)
- मारवाड़ में हिंदू-मुसलमानों में सामाजिक एवं सांस्कृतिक समन्वय : 16वीं शताब्दी के विशेष संदर्भ में -ममतेश अग्रवाल एवं डॉ. शरद राठौड़ (16)
- हिन्दी साहित्य की रचनाओं में ‘वृद्ध विमर्श’ का चित्रण-डॉ. राजासलीम इमामसाब बिडी (65)
- प्रतापकालीन रावत भाण का मुगलों से संघर्ष और देव-उमगा राज्य(मगध) -डॉ.हेमेन्द्र सिंह सारंगदेवोत (88)
- मारवाड़ क्षेत्र के किसान वर्ग की पाग-पगड़ियों की उपयोगिता एवं महत्त्व -मूला राम एवं डॉ. साधना मेघवाल (14)
- मोटापा के प्रबंधन में योग चिकित्सा की उपयोगिता -अमित कुमार एवं डॉ. ऊधम सिंह (52)
लोक का आलोक
अनकहे-किस्से
- इक्कीसवीं सदी में हिन्दी यात्रा-वृत्तांतों के लेखन का बदलता परिदृश्य -प्रियंका कुमारी मौर्या (31)
- डॉ. सत्यनारायण के कथेतर साहित्य में महानगरीय बोध -महेन्द्र सिंह (62)
- ‘कर्तव्यबोध एवं नैतिकता का पाठ पढ़ाती शिवनारायण सिंह की बोध कथाएं’– सुशील कुमार तिवारी एवं डॉ. हरिणी रानी आगर (97)
- भैरवप्रसाद गुप्त की कहानियों में प्रगतिशीलता -कैलाश चौधरी (97)
- मुंशी प्रेमचंद के उपन्यासों में वर्णित नारी जीवन- निवेदिता पाराशर (98)
- असमिया कहानी में समाज का प्रतिफलन ( संदर्भ : कथाकार डॉ. नगेन शइकिया) -डॉ. जोनाली बरुवा (29)
- 'पारिजात' में निहित सांस्कृतिक मूल्यों का विश्लेषण -शना परवीन (3)
कैम्पस के किस्से
कवितायन
नीति-अनीति
- विषय चयन में परामर्श के प्रभाव का अध्ययन -दीप कँवर एवं डॉ. किरण महेश्वरी (7)
- गिलगित-बाल्टिस्तान में चीन का बढ़ता प्रभाव एवं भारत की चिंता -मुकेश कुमार प्रजापति व प्रो. शिखा श्रीवास्तव (58)
- सार्क की प्रासंगिकता और भारत की भूमिका: एक विश्लेषण -निलेश कुमार त्रिपाठी (96)
- सामाजिक प्रतिनिधित्व और पहचान में खेल की भूमिका -डॉ. रजनीश चन्द्र त्रिपाठी (62)
रंगायन
- गवरी नृत्य नाट्य और संस्थापन कला का अंत: सम्बन्ध -डॉ. मयंक शर्मा (55)
- स्वतंत्रता पूर्व मेवाड़ में तैल चित्रण -राजेश कुमार (15)
( 'अपनी माटी' के )
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