चित्तौड़गढ़ (राजस्थान) से प्रकाशित त्रैमासिक ई-पत्रिका
अपनी स्थापना के 11वें वर्ष में प्रवेश
अपनी माटी
( साहित्य और समाज का दस्तावेज़ीकरण )
इस अंक का चित्रांकन : संजय कुमार मोची (चित्तौड़गढ़)
UGC Care Listed
( Under List 'Multi Disciplinary' Sr. Nu. 03 )
(ISSN 2322-0724 Apni Maati) अंक-47, अप्रैल-जून 2023
सम्पादक-द्वय : माणिक व जितेन्द्र यादव
परामर्श मंडल
डॉ. राजेश चौधरी, अशोक जमनानी, प्रो. गजेन्द्र पाठक, प्रो. पयोद जोशी, प्रो. तनुजा सिंह, प्रो. नीलम राठी, प्रो. मनीष रंजन, डॉ. गजेन्द्र मीणा, डॉ. राजकुमार व्यास, डॉ. विंध्याचल यादव,
डॉ. मोहम्मद फ़िरोज़ अहमद, डॉ. मुकेश कुमार मिरोठा, डॉ. दीनानाथ मौर्य,
डॉ. जितेंद्र थदानी
सम्पादकीय मंडल
डॉ. सौरभ कुमार, डॉ. प्रवीण कुमार जोशी,
डॉ. विष्णु कुमार शर्मा, डॉ. मैना शर्मा, डॉ. गोपाल गुर्जर, डॉ. प्रशान्त कुमार, डॉ. कविता सिंह, अभिनव सरोवा, डॉ. मोहम्मद हुसैन डायर,
डॉ. संदीप कुमार मेघवाल, डॉ. बृजेश यादव, डॉ. हेमेन्द्र सिंह सारंग देवोत, विजय
मीरचंदानी, डॉ. संतोष विश्नोई
पोर्टल प्रबंधन एवं प्रकाशन : गुणवंत कुमार, अर्जुन कुमार, दीपक कुमार
डिजायन एवं डिजिटल मार्केटिंग : चंद्रशेखर चंगेरिया (कुमावत)
आर्थिक सहयोग : Apni Maati Sansthan ,A/c. Nu.: 33444603964, IFSC
Code : SBIN0006097
State Bank of India,
Branch : Chittorgarh (Rajasthan)
प्रकाशक : 'अपनी माटी संस्थान चित्तौड़गढ़'
( पंजीयन संख्या 50 /चित्तौड़गढ़/2013 )
सम्पादकीय / पंजीकृत कार्यालय : कंचन-मोहन हाऊस,1, उदय विहार, महेशपुरम रोड़,
चित्तौड़गढ़-312001,राजस्थान
अनुक्रमणिका
अनुक्रमणिका
सम्पादकीय
वैचारिकी
- आधुनिक मन, पराजय-बोध और स्मृति की ताक़त : राम की शक्तिपूजा -मृत्युंजय (10)
- नाट्य वृत्त में कबीर-प्रोमिला (15)
- नई सदी की कहानी : दो दशकों की कथा उपलब्धियां -डॉ. शशिभूषण मिश्र (20)
- हिंदी आलोचना की परंपरा में औपनिवेशिक पहचान के स्रोत -पंकज श्रीवास्तव (25)
- कवि-आलोचक मलयज की आलोचना दृष्टि - डॉ. प्रेम कुमार (30)
- सांस्कृतिक घटक के रूप में मिथक : सामाजिक समीकरणों का मायालोक -पराग पावन (35)
धरोहर
कथा-संसार
कविताएँ
बतकही
- 'आज के दौर में स्वच्छंदता और उच्छृंखलता बढ़ी है' (प्रो. सन्तोष कुमार चतुर्वेदी से शशिभूषण मिश्र की बातचीत) (70)
- 'अभी तक जाति-व्यवस्था और अन्धविश्वास ने उधम मचाया हुआ है' (कथाकार संजीव से जितेंद्र यादव की बातचीत) (75)
समीक्षायन
कथेतर का कोना
- मेरी विचार यात्रा -दिनेश कर्नाटक (90)
- म्हनेस बदी दाल ताड़! -डॉ. हेमंत कुमार (95)
- मैं उसी चवन्नी को ढूंढ रहा हूं, इंशाअल्लाह.. -डॉ. विष्णु कुमार शर्मा (100)
- संस्मरण : च्याँऊ म्याँऊ च्युप -नीलू शेखावत (105)
पत्रकारिता के पहाड़े
संघर्ष का दस्तावेज
- रत्नकुमार सांभरिया की कहानियों में अभिव्यक्त सामाजिक चेतना -बर्णाली गोगोई एवं प्रो. सुशील कुमार शर्मा (120)
- भारत में बाल भिक्षावृत्ति की समस्या : चुनौतियां एवं समाधान -योगेन्द्र नाथ त्रिपाठी एवं डॉ. राशिदा अतहर (125)
- हिंदी दलित कहानी और ओमप्रकाश वाल्मिकी -राहुल एवं डॉ. विजय कुमार रंजन (130)
- दलित विमर्श के भीतर स्त्री चेतना की पड़ताल (संदर्भ 'मेरा बचपन मेरे कन्धों पर') -प्रतिमा (135)
- हिमालयी क्षेत्र में बौद्ध धर्म-संस्कृति और अरुणाचल प्रदेश की मेम्बा जनजाति -डॉ. अभिषेक कुमार यादव (140)
- ब्रिटिश वन कानूनों का भारतीय वनाश्रित जनजाति एवं समुदायों पर प्रभाव : एक ऐतिहासिक अध्ययन -प्रशांत त्रिपाठी(145)
- रणेन्द्र के काव्य संग्रह 'थोड़ा सा स्त्री होना चाहता हूँ' में पारिस्थितिक स्त्रीवाद -रागिनी (150)
- मार्कंडेय की कहानियों में स्त्री का बदलता रूप -डॉ. रजनीश कुमार यादव (155)
- अनामिका की कविताओं में आधी आबादी -रागिनी चतुर्वेदी एवं डॉ. विजय कुमार रंजन (160)
- भारतीय राष्ट्रवाद के आईने में स्त्री-इयत्ता की अभिव्यक्ति : ‘सुनीता’ बनाम ‘घरेबाइरे’ -सृष्टि कुमारी (165)
- पूंजीवादी अर्थव्यवस्था, देखभाल और प्रवासी घरेलू महिला कामगार -डॉ. अर्चना पाण्डेय (170)
- भारतीय वेद और पर्यावरण संरक्षण -डॉ. दयाशंकर सिंह यादव (175)
- युवाओं के परासंज्ञानात्मक(मेटाकॉग्निशन) विकास में भारतीय पारंपरिक ध्यान तकनीकों की प्रासंगिकता - नरोत्तम कुमार एवं डॉ. ऊधम सिंह (180)
- शाक्तमत का उद्भव व विकास तथा चारण शक्ति-उपासना -सुमन कविया (185)
- काशी में आयुर्विज्ञान का ऐतिहासिक विकास : आधुनिक काल के परिप्रेक्ष्य में -डॉ. सत्यपाल यादव (190)
- भारतेंदु युग में प्रस्तुति आलेख का स्वरूप -डॉ. संजीब कुमार (200)
- श्रीमद्भगवद्गीता में वर्णित मानवता का दिग्दर्शन : एक यौगिक दृष्टि -डॉ. अखिलेश कुमार विश्वकर्मा (205)
अनकहे-किस्से
- हिंदी उपन्यासों में चित्रित शैक्षिक जीवन में छात्रों का परिदृश्य -राकेश कुमार खटीक (220)
- भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन और दुर्गाप्रसाद खत्री का उपन्यास ‘प्रतिशोध’ -पिंकी चौहान (225)
- वर्तमान भारतीय राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में ‘महाभोज’: एक पुनर्विश्लेषण -रविन्द्र दान (230)
- ‘रेत-समाधि’ : भाव व शिल्प का अनूठा प्रयोग -डॉ. सोनल (235)
- महेंद्र मिश्र : धुनों की पुरबी बयार -दिव्या गुप्ता (240)
- हिन्दी निबंधों में वर्णित शाक्त-मत परंपरा : एक विवेचना -सुजाता कुमारी (245)
कवितायन
नीति-अनीति
- सामाजिक विज्ञान की विद्यालयी पाठ्यपुस्तकें, आदिवासी मुद्दे और ‘पोलिटिकल करेक्टेडनेस’ - डॉ. कविता सिंह एवं लवली शॉ (275)
- परिवार और विद्यालय के संबंधों का विश्लेषण -समरजीत यादव एवं डॉ. आशीष रंजन (280)
- विचाराधीन कैदी एवं भारतीय न्याय व्यवस्था -डॉ. देवकान्ता शर्मा (285)
- भारतीय महिलाओं का राजनीतिक सशक्तिकरण : एक अवधारणात्मक और विश्लेषणात्मक अध्ययन -आशा (290)
रंगायन
*सभी कानूनी विवादों के लिये क्षेत्राधिकार चित्तौड़गढ़, राजस्थान होगा। प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक/संचालकों का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। यदि कोई भी असंवैधानिक सामग्री प्रकाशित हो जाती है तो वह तुंरत प्रभाव से हटा दी जाएगी। पाठक कोई भी आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं तो तत्काल सूचित करिएगा।
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