पुस्तकालयों में बारकोड प्रणाली, क्यूआर कोड और आरएफआईडी का प्रयोग
- अजय कुमार यादव एवं डॉ. सर्वेश कुमार
बीज शब्द : बारकोड प्रणाली, बारकोड स्कैनर, डेटाबेस, क्यूआर कोड, डेटा संरचना, आरएफआईडी।
मूल आलेख : बारकोड प्रणाली (Barcode System) क्यूआर कोड प्रणाली और आरएफआईडी तकनीक एक प्रौद्योगिकी है जिसका उपयोग दुकानदार अपनी दुकान में और विभिन्न उद्योग अपने उत्पादकों के सुरक्षित आदान-प्रदान करने के लिए करते हैं| इनका प्रयोग भंडार में विभिन्न वस्तुओं के भौतिक सत्यापन के लिए भी किया जाता हैं| इनके उपयोग से समय बचता हैं और गलतियों के होने की संभावना भी कम होती हैं | आजकल पुस्तकालयों में भी इन तकनीकों का प्रयोग पुस्तकों के आदान-प्रदान और भौतिक सत्यापन के लिए किया जा रहा हैं।
1. बारकोड प्रणाली (Barcode System)
बारकोड प्रणाली (Barcode System) एक प्रौद्योगिकी है जिसका उपयोग विस्तृत सूचना को कैसे संकेतित किया जाए, उसे दर्ज करने, और पुनर्मूल्यांकित करने के लिए किया जाता है। यह विशेष बारकोड शैली का उपयोग करके होता है, जिसमें पैरलल बार्स और स्पेसेस का आवश्यक अंतर होता है जिससे कंप्यूटर सिस्टम आसानी से सूचना को पहचान सकता है।
बारकोड प्रणाली के कुछ मुख्य तत्व हैं :
बारकोड : बारकोड एक पैटर्न होता है जिसमें विभिन्न स्पेसेस और पैरलल
बार्स (Bars) होते हैं, जो विस्तृत सूचनाओं को प्रतिनिधित करते
हैं। यह बारकोड प्रणाली की भिन्न शैलियों में आता है, जैसे कि UPC (Universal
Product Code), EAN (European Article Number), Code 39, और Code 128, आदि।
बारकोड स्कैनर : बारकोड को पढ़ने के लिए विशेष इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होते हैं, जिन्हें बारकोड स्कैनर कहा जाता है। ये स्कैनर कैमरा या लेजर तकनीक का उपयोग करते हैं और बारकोड को पढ़कर उसकी सूचना को कंप्यूटर सिस्टम में दर्ज करते हैं।
डेटाबेस : बारकोड प्रणाली के साथ एक डेटाबेस होता है जिसमें बारकोड के खिलाफ विस्तृत सूचना संग्रहित होती है। इस डेटाबेस के माध्यम से विस्तृत सूचनाओं को प्रबंधित और पुनर्मूल्यांकित किया जाता है।
आवश्यक सॉफ़्टवेयर : बारकोड प्रणाली के संचालन के लिए आवश्यक सॉफ़्टवेयर होता है जो बारकोड स्कैनर से पढ़ी गई सूचनाओं को प्रोसेस करता है और उसे डेटाबेस में जोड़ता है या निगरानी करता है।
बारकोड प्रणाली का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता
है, जैसे कि खुदरा विपनन, लॉजिस्टिक्स, विनिर्माण, और पुस्तकालयों
में इसका उपयोग पुस्तकों के प्रबंधन के लिए किया जाता है। इसके माध्यम से विस्तृत सूचनाओं
को आसानी से प्रबंधित किया जा सकता है और सुरक्षित रूप से उपयोगकर्ताओं को प्रदान
किया जा सकता है।
1.1. पुस्तकालय में बारकोड प्रणाली का
प्रयोग -
पुस्तकालय में बारकोड प्रणाली का प्रयोग पुस्तकों और
सामग्री के प्रबंधन, प्रवेश की निगरानी, और पुस्तक को
निर्गित करने के लिए किया जाता है। बारकोड प्रणाली पुस्तकालय के प्रबंधन को
सुविधाजनक और तेज़ बनाती है और निम्नलिखित तरीकों से प्रयोग की जा सकती है :
पुस्तकों की व्यवस्था: पुस्तकालय में
हजारों पुस्तकें हो सकती हैं और इन्हें ज्ञानरूप से संग्रहित करना मुश्किल हो सकता
है। बारकोड प्रणाली द्वारा, पुस्तकों पर यूनिक बारकोड नंबर दिया जा
सकता है, जिससे पुस्तक की आसान पहचान और व्यवस्था की जा सकती है।
पुस्तकों की उधारण की निगरानी: पुस्तकालय में
पुस्तकों के उधारण (निर्गत) की निगरानी करने के लिए बारकोड प्रणाली का प्रयोग किया
जाता है। पाठक अपने पुस्तकों की उधारण और वापसी को बारकोड स्कैन करके से प्रबंधित
कर सकते हैं।
कैटलॉगिंग और खोज : पुस्तकों के
बारकोड का उपयोग विशेषज्ञ पुस्तकालय कैटलॉगिंग सिस्टम में किया जा सकता है, जिससे पाठक आसानी
से पुस्तकें खोज सकते हैं।
स्वचालित लेन-देन प्रक्रिया : बारकोड प्रणाली से
जुड़े हुए लेन-देन सिस्टम के माध्यम से पाठकों को पुस्तकों को उधारने और वापस करने
की सुविधा मिल सकती है, और यह लेन-देन प्रक्रिया को तेजी से और
अधिक सुविधाजनक बना सकता है।
लाइब्रेरी सुरक्षा : बारकोड प्रणाली से
पुस्तकों की सुरक्षा भी बढ़ाई जा सकती है, क्योंकि वे उधारण
की निगरानी को बेहतर बना सकते हैं।
सामूहिक प्रोजेक्ट्स और डेटा एनालिसिस: बारकोड प्रणाली का
प्रयोग पुस्तकालयों में डेटा एनालिसिस और सामूहिक प्रोजेक्ट्स के लिए भी किया जा
सकता है, जो पुस्तकालय के संचालन में सुधार कर सकते हैं।
2. क्यूआर कोड (QR Code) प्रणाली -
क्यूआर कोड (QR Code) प्रणाली एक प्रकार की बारकोड प्रणाली है
जिसमें डेटा को बारीक ब्लॉकों और गोलियों (स्क्वेयर) की आकृति में प्रस्तुत किया
जाता है। यह तकनीक असल में जापान के डेन्सो इन्शुरेन्स कंपनी के इंजीनियर मसाहिरो
हांओ के द्वारा डिज़ाइन की गई थी और इसका उपयोग पहली बार 1990 में किया गया था।
क्यूआर कोड प्रणाली के मुख्य फीचर्स हैं :
बड़ा डेटा रूपी स्टोरेज : क्यूआर कोड
प्रणाली में अधिक डेटा को स्टोर किया जा सकता है जिसका मतलब है कि यह अधिक जानकारी
को स्कैन करके पढ़ सकता है, जैसे कि टेक्स्ट, लिंक, संपर्क विवरण, वीडियो, ऑडियो, और अन्य
मल्टीमीडिय सामग्री।
आसान स्कैनिंग : क्यूआर कोड को
स्कैन करने के लिए कैमरा फोन या टैबलेट की मदद लिया जा सकता है, और इसके लिए विशेष
QR Code स्कैनिंग ऐप्स उपलब्ध होते हैं।
विस्तारित इंटरएक्टिविटी : क्यूआर कोड स्कैन
करने के बाद, उपयोगकर्ता को विभिन्न इंटरएक्टिविटी के लिए रूपरेखा किया
जा सकता है, जैसे कि लिंक पर क्लिक करना, ईमेल भेजना, वीडियो देखना, सोशल मीडिया पेज
को खोलना, या अन्य कस्टम एक्शन्स का अनुरोध करना।
विभिन्न उपयोग क्षेत्र : क्यूआर कोड प्रणाली कई उपयोग क्षेत्रों में प्रयुक्त होती है, जैसे कि बाजार (उत्पादों की मूल्य की जांच के लिए), पर्यटन (स्थलों की जानकारी के लिए), बिजनेस (कस्टमर को वेबसाइट पर
डायरेक्ट नेविगेट करने के लिए), शिक्षा (वीडियो और
संदेशों को शेयर करने के लिए), और स्वास्थ्य सेवाएं (रिपोर्ट और डेटा
एक्सेस के लिए)।
क्यूआर कोड प्रणाली का उपयोग अधिकतर स्मार्टफोन और टैबलेट्स
के साथ होता है, लेकिन यह किसी भी डिजिटल डिवाइस पर इंस्टॉल किया जा सकता है
जिसमें कैमरा होता है। यह एक प्रभावी तरीका है
2.1. पुस्तकालय में क्युआर कोड प्रणाली -
क्यूआर कोड (QR Code) प्रणाली पुस्तकालयों में उपयोग की जा सकती है क्योंकि यह बारकोड प्रणाली की तरह ही सुविधाजनक और उपयोगी हो सकती है, लेकिन इसमें कुछ अतिरिक्त फायदे होते हैं :
ज्ञान दिलाने का नया तरीका : क्यूआर कोड ग्राफिकल रूप में होता है और पुस्तकालय विशिष्ट जानकारी, संकेत, या डिजिटल सामग्री के साथ जुड़ा सकता है। इसका अर्थ है कि पुस्तकालय किसी विशिष्ट पुस्तक, विशेष विशेषज्ञता, या वेबसाइट के लिए क्यूआर कोड बना सकती है जो पाठकों को अतिरिक्त जानकारी प्रदान करता है।
सामूहिक प्रोजेक्ट्स और डेटा संग्रहण : क्यूआर कोड पुस्तकालयों में सामूहिक प्रोजेक्ट्स और डेटा संग्रहण के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। इससे पुस्तकालय कर्मचारियों के बीच जानकारी और संगठन को सुविधाजनक तरीके से साझा किया जा सकता है।
स्वचालित प्रक्रियाएँ : क्यूआर कोड प्रणाली का उपयोग स्वचालित प्रक्रियाओं के लिए किया जा सकता है, जैसे कि डिजिटल पुस्तकों को डाउनलोड करने के लिए, अनुप्रयोगों और सेवाओं का उपयोग करके पाठकों को सेवा प्रदान करने के लिए।
वीडियो और ऑडियो सामग्री का पहुंच: क्यूआर कोड का
उपयोग वीडियो, ऑडियो, और अन्य मल्टीमीडिय सामग्री को पुस्तकालय
पाठकों के लिए पहुंचने के लिए किया जा सकता है।
वेबसाइट और ई-सेवाएँ: क्यूआर कोड
वेबसाइट और ई-सेवाओं के लिए उपयोग किया जा सकता है, जिससे पाठक आसानी
से ऑनलाइन सामग्री तक पहुंच सकते हैं और वेबसाइटों को अधिक व्यापक तरीके से प्रयोग
कर सकते हैं।
क्यूआर कोड प्रणाली पुस्तकालयों को अपने पाठकों को अधिक
जानकारी और सामग्री के साथ जुड़ने के नए तरीके प्रदान कर सकती हैं और सामूहिक
प्रोजेक्ट्स और सेवाओं को सुविधाजनक बना सकती हैं।
2.2. बार कोड (Barcode) और क्यूआर कोड में
अंतर -
2.2.1. भौतिक
स्वरूप में अंतर :
बार कोड: बार कोड क्षैतिज धारी लाइनों की
एक सीरीज होती है जो साधारणत: काले और सफेद रंगों में होती है। यह धारी लाइनें
इकट्ठी होती हैं और उनकी जगह, चौड़ाई, अंतर, और स्पेसिंग को
पढ़कर डेटा को प्रतिष्ठित करती हैं।
क्यूआर कोड: क्यूआर कोड एक चक्रीय छवि
होती है, जिसमें ब्लैक और सफेद ब्लॉक्स का पैटर्न होता है। यह
ब्लॉक्स को उच्च-सीमित संख्या में डेटा को संकेतित करने के लिए उपयोग करता है।
2.2.2. डेटा कैपेसिटी :
बार कोड: बार कोड की डेटा कैपेसिटी आमतौर
पर कम होती है, और यह टेक्स्ट और नंबर्स के लिए प्राथमिक रूप से उपयोग किया
जाता है।
क्यूआर कोड: क्यूआर कोड की डेटा कैपेसिटी
बार कोड की तुलना में अधिक होती है। यह विभिन्न प्रकार के डेटा, जैसे कि टेक्स्ट, लिंक, बिज़नेस कार्ड
इत्यादि के लिए अधिक उपयोग किया जाता है।
2.2.3. स्कैनिंग की प्रक्रिया :
बार कोड: बार कोड को स्कैन करने के लिए
एक बार कोड स्कैनर की आवश्यकता होती है, जो उसकी धारी लाइनों को पढ़ सकता है।
क्यूआर कोड: क्यूआर कोड को स्मार्टफोन की
कैमरा या क्यूआर कोड स्कैनिंग ऐप्स के साथ स्कैन किया जा सकता है।
बार कोड : बार कोड डेटा की संरचना साधारण
होती है और यह आमतौर पर जानकारी के स्थायी सेट को प्रस्तुत करता है।
क्यआर कोड : क्यूआर कोड विभिन्न प्रकार के
डेटा को एक संकेत में प्रस्तुत कर सकता है, जिसमें टेक्स्ट, लिंक, कंटैक्ट
इनफॉर्मेशन, और अन्य विभिन्न डेटा प्रारूप हो सकते हैं।
3. आरऍफ़आईडी (RFID) -
आरएफआईडी (RFID) एक तकनीक है जिसका उपयोग विस्तृत सूचना
को टैग की मदद से दूरस्थी से पढ़ा जा सकता है और लिखा जा सकता है। यह तकनीक
इलेक्ट्रॉनिक डेटा को द्वारा प्रस्तुत किया जाता है, और आमतौर पर बिना
संपर्क के किया जाता है, जिससे कीबोर्ड या मैन्युअल प्रवेश की
आवश्यकता नहीं होती है।
RFID प्रणाली में कुछ मुख्य
तत्व होते हैं :
RFID टैग : यह टैग कुछ छोटे
चिप्स और एंटीनास का संयोजन होता है जो डेटा को संग्रहित करता है और वायरलेस रूप
से प्रस्तुत करता है।
RFID रीडर : यह रीडर टैग की
गति में डेटा पढ़ता है और लिखता है, और इसे एक स्पेशल कंप्यूटर सिस्टम में
दर्ज करता है।
RFID सिस्टम : एक पूर्ण RFID सिस्टम में टैग, रीडर, और डेटा प्रस्तुति
के लिए सॉफ़्टवेयर शामिल होते हैं।
RFID का उपयोग विनिर्माण प्रक्रिया में उत्पादों की प्रस्तुति, इनवेंटरी प्रबंधन, और वितरण में किया
जाता है। RFID के द्वारा विस्तृत सूचनाओं की प्रस्तुति का ट्रैकिंग किया
जा सकता है, जिससे लॉजिस्टिक्स और परिवहन प्रबंधन में सुधार होता है। RFID का उपयोग आधुनिक
द्वार और प्रवेश प्रबंधन में भी होता है, जैसे कि स्मार्ट कार्ड और पासवर्ड
प्रबंधन के लिए। अस्पतालों में रुग्णों की निगरानी और इलाज के लिए RFID प्रणाली का उपयोग
किया जाता है। इसके अलावा, RFID प्रणाली कई और उपयोग क्षेत्रों में भी
उपयोग होती है, और यह डेटा प्रबंधन और सुरक्षा के क्षेत्र में अधिक व्यापक
तरीके से उपयोग की जाती है।
3.1. आरएफआईडी (RFID) का पुस्तकालयों
में प्रयोग -
RFID (Radio-Frequency Identification) प्रणाली पुस्तकालयों में विभिन्न तरीकों से प्रयुक्त होती है और यहाँ पर कुछ मुख्य तरीके दिए गए हैं जिनके माध्यम से RFID पुस्तकालयों में प्रयोग किया जा सकता है :
पुस्तकों की निगरानी: RFID टैग्स को पुस्तकों पर लगाया जा सकता है, जिससे पुस्तकालय कर्मचारियों को पुस्तकों की निगरानी और प्रबंधन करने में सहायक होता है। यह बारकोड सिस्टम की तरह खुदरा प्रबंधन में बेहतर सुविधा प्रदान करता है।
स्वत: सेवा किओस्क : RFID स्वत: सेवा किओस्क
की मदद से पाठकों को पुस्तकों का उधारण और जब्ती करने की स्वत: सेवा देने में मदद
करता है। पाठक स्वत: सेवा किओस्क पर अपना पुस्तक रखकर रिडर पर अपना कार्ड स्कैन
करते हैं और पुस्तक को जमा करते हैं।
फ़्लैश चेकआउट : RFID टैग्स के साथ
द्वारा पुस्तकों को अपनी पसंद के स्थान पर वापस डालने की सुविधा देने के लिए
"फ्लैश चेकआउट" सिस्टम का उपयोग किया जा सकता है।
बुक ड्रॉप बॉक्स : पुस्तकों के लिए RFID टैग्स के साथ बुक
ड्रॉप बॉक्स स्थापित किए जा सकते हैं, जिससे पाठक अपने पुस्तकों को वापस करने
में सुविधा प्राप्त करते हैं।
पुस्तक खोजने की त्वरितता : RFID स्कैनिंग सिस्टम
की मदद से पुस्तकालय कर्मचारी त्वरितता से पुस्तकों का खोजने और पुस्तकों की स्थान
पर पुनर्निर्देशित करने में मदद करते हैं।
पुस्तकों की जगह परिवर्तन : RFID टैग्स के माध्यम
से पुस्तकों को उनकी वास्तविक जगह परिवर्तित किया जा सकता है, जिससे पुस्तकों का
आवश्यक संचयन और प्रबंधन किया जा सकता है।
सुरक्षा : RFID प्रणाली
पुस्तकालयों में सुरक्षा में भी मदद करती है, जैसे कि पुस्तकों
की चोरी और अपातकालीन स्थितियों में उनकी पहचान।
निष्कर्ष : इस तरह, बारकोड प्रणाली पुस्तकालय के प्रबंधन और उपयोगकर्ता सेवाओं को सुविधाजनक और अधिक दिग्दर्शक बना सकती है, जिससे पाठकों को बेहतर सेवाएँ प्रदान की जा सकती हैं। कुल मिलाकर, बार कोड और क्यूआर कोड दोनों का उपयोग डेटा को स्कैन करने और साझा करने के लिए होता है, लेकिन वे दिखने में, डेटा कैपेसिटी में, और स्कैनिंग की प्रक्रिया में अलग-अलग होते हैं। पुस्तकालय RFID प्रणाली का उपयोग डिजिटल पुस्तकों को प्रबंधित करने और पुस्तकालय सामग्री की निगरानी के लिए भी करते हैं। RFID प्रणाली की मदद से पुस्तकालय सेवाओं को सुविधाजनक और व्यावसायिक बनाने में मदद मिलती है| कुल मिलाकर, बार कोड, क्यूआर और RFID प्रणालियाँ पुस्तकालय सेवाओं को तवरित, बिना गलती के सुविधाजनक और व्यावसायिक बनाने में सहायक होती हैं |
संदर्भ :
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- Ravi Mathur (May 2005). RFID Trends: The impact on the retail Industry.
Information Technology Vol. 15 (1),
पुस्तकालयाध्यक्ष, सकलडीहा पी. जी. कालेज, सकलडीहा, चन्दौली, उत्तर प्रदेश
ajay.yadav113@gmail.com, 9453200022
डॉ सर्वेश कुमार
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
अपनी माटी (ISSN 2322-0724 Apni Maati)
चित्तौड़गढ़ (राजस्थान) से प्रकाशित त्रैमासिक ई-पत्रिका
अंक-49, अक्टूबर-दिसम्बर, 2023 UGC Care Listed Issue
सम्पादक-द्वय : डॉ. माणिक व डॉ. जितेन्द्र यादव चित्रांकन : .................
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