चित्तौड़गढ़ (राजस्थान) से प्रकाशित त्रैमासिक ई-पत्रिका
अपनी स्थापना के 12वें वर्ष में प्रवेश
अपनी माटी
( साहित्य और समाज का दस्तावेज़ीकरण )
UGC Care Listed
( Under List 'Multi Disciplinary' Sr. Nu. 03 )
(ISSN 2322-0724 Apni Maati) अंक-52, अप्रैल-जून, 2024
सम्पादक-द्वय : माणिक-जितेन्द्र यादव इस अंक का चित्रांकन : भीम सिंह (इलाहाबाद विश्वविद्यालय)
अनुक्रमणिका
सम्पादकीय
कविताएँ
- रूपम मिश्र (जौनपुर) (10)
वैचारिकी
- हिन्दी आधुनिकता के व्याख्याकार : विजयदेव नारायण साही / मृत्युंजय (15)
- रोमांस : भाषा, विधा और प्रवृत्ति / अंगद तिवारी (20)
- कल्पित समुदाय के रूप में राष्ट्र : बेनेडिक्ट एंडरसन की सकंल्पना पर एक पुनर्दृष्टि / डॉ. मोहम्मद कामरान खान (25)
- ‘मोहनदास’ भारतीय भ्रष्ट व्यवस्था की अंतहीन कहानी / डॉ. नेहा सिंह, डॉ. जितेंद्र यादव (30)
स्मरण
- औपनिवेशिक उत्तरी भारत (1900-1947 ई.) में आयुर्वेद एवं महिलाएं / डॉ. पूजा (40)
- सुनो भाई साधो : हरिशंकर परसाई की प्रासंगिकता के संदर्भ में / अजय कुमार साव (45)
- शमशेर बहादुर सिंह और नई कविता / योगेश कुमार एवं डॉ. कमलेश कुमारी (50)
- गुरु महिमा, प्रेम और वैराग्य की गायिका : सहजोबाई / आरती तिवारी (55)
कथा-संसार
कथेतर का कोना
- आत्मकथांश : दाखिले की शर्त @अस्तित्व दाँव पर / डॉ. श्यौराज सिंह बेचैन (65)
- अफलातून की डायरी : मैं कहता आँखन की देखी / डॉ. विष्णु कुमार शर्मा (70)
- संस्मरण : इराक के पेन का बाप (अतीत-बोध) / डॉ. हेमंत कुमार (75)
- ‘चरथ भिक्खवे चरथ’(‘सफ़र एक डोंगी में डगमग’ के सन्दर्भ में) / डॉ. कीर्ति माहेश्वरी (80)
सिनेमा की दुनिया
पत्रकारिता के पहाड़े
- कथेतर हिन्दी गद्य और 'तद्भव' का संस्मरण साहित्य / जूही त्रिपाठी (90)
- सूचना युग में सूचना की प्रामाणिकता : चुनौतियाँ और समाधान / डॉ. पवन अग्रवाल (95)
- भारत में जाति समस्या और राजेन्द्र यादव की संपादकीय / विनोद कुमार एवं डॉ. जितेन्द्र यादव (100)
संघर्ष का दस्तावेज
- आधुनिक टेक्नोलॉजी और किसान : संभावनाएं और चुनौतियाँ (छत्तीसगढ़ राज्य के विशेष संदर्भ में) / फलेन्द्र कुमार एवं प्रो. एल. एस. गजपाल (105)
- भारत और मारीशस की लोक भाषायी संस्कृति ( गिरमिटिया मजदूरों के विशेष संदर्भ में ) / डॉ. शिवशंकर सिंह (110)
- आदि-हिंदू आंदोलन और जाटव : पहचान को लेकर एक विचारधारात्मक संघर्ष / रणजीत कुमार (115)
- भारत में हांथ से मैला ढोने की प्रथा एवं सामाजिक न्याय : एक विधिक विश्लेषण / सुवेक सिंह चौहान एवं डॉ. अनीस अहमद (120)
- भारतीय समाज और हाशिए के सवाल / चन्दन कुमार (125)
हूल-जोहार
समानांतर दुनिया
विरासत
लोक का आलोक
- भोजपुरी लोकगीतों में पर्यावरणीय चेतना / प्रियंका राय (160)
- मध्यकालीन मुस्लिम कवियों के काव्य में फाग परंपरा / अनुज कुमार शर्मा (165)
- संस्कृति की रोशनी में अहीरवाल क्षेत्र के लोकगीत / सुनीता कुमारी एवं प्रो. गीता कपिल (170)
- लोकगीतों में नारी का चित्रण ब्रज के विशेष सन्दर्भ में / आशा शर्मा एवं डॉ. रंजन सिंह (175)
अनकहे-किस्से
- मनीषा कुलश्रेष्ठ का कथा साहित्य और जीवन परिवेश / डॉ. हुसैनी बोहरा (185)
- कथा आलोचना की सामाजिकता और यथार्थ का बदलता स्वरूप / साल्वी यादव (190)
कवितायन
- अरुण कमल की कविता 'धार' : एक अध्ययन / डॉ. दीपक कुमार गोंड (195)
- ‘आत्मजयी’ में मृत्यु का मनोवैज्ञानिक अध्ययन / पीयूष कुमार एवं प्रो. बृज किशोर (200)
- प्रमोद कुमार तिवारी के साहित्य में लोकतत्व और मिट्टी की खुशबू / डॉ. रेखा शेखावत (205)
- समकालीन हिंदी ग़ज़ल और स्वातंत्र्योत्तर भारतीय समाज की चुनौतियाँ / महावीर सिंह एवं डॉ. कविता मीणा (210)
- इक्कीसवीं सदी की हिंदी ग़ज़ल में समकालीन मनोवैज्ञानिकता का चित्रण / विनीत कुमार यादव (215)
- पंत एवं महादेवी वर्मा के काव्य में ध्वनि विचलन का तुलनात्मक अध्ययन / डॉ. कोकिल (220)
- समकालीन हिन्दी कविता में मानव मूल्य / विश्वजीत सिंह (225)
- समकालीन हिंदी ग़ज़लों में राष्ट्रीय चेतना का नवीन स्वरूप / दिव्या शुक्ला (230)
- दरिन्दे समय के विरुद्ध अनिल की कविताएं / हिमाँशु विश्वकर्मा (235)
- कवयित्री ताज : प्रेम के औदात्य का श्याम रंग / डॉ. प्रोमिला (240)
नीति-अनीति
- कास्ट ऑन कैम्पस : उच्च शिक्षा में हाशिएकरण के किस्से / करन (245)
- सूचना प्रौद्योगिकी और भूमंडलीय ग्रामीण समाज : नब्बे के बाद हिंदी उपन्यास / शशांक कुमार (250)
- राष्ट्रीय आंदोलन : राष्ट्रवाद और अम्बेडकर / वैभव गिरि (255)
- उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों में डिजिटल लर्निंग के प्रति समझ व जागरूकता का अध्ययन / मीनू नवारिया एवं डॉ. लोकनाथ (260)
रंगायन
- पहाड़ी शैली के रामायण-चित्र : एक पुनरावलोकन / प्रो. सरोज रानी (265)
- दिल्ली की ‘जंक आर्ट’ परियोजनाएं : एक अध्ययन / सौरभ सिंह (270)
- भारतीय आत्मकथात्मक चित्रकला मजबूत करतीं महिला चित्रकार / आशीता गुप्ता एवं डॉ. सुरेश चन्द्र जाँगिड़ (275)
- आधुनिक कला परिदृश्य में रविन्द्रनाथ टैगोर के चित्रसृजन पर एक दृष्टि / कमल कुमार मीना (280)
- भारतेन्दु मण्डल के नाटककार राधाकृष्णदास और उनके सामाजिक नाटक / अमित कुमार (285)
अध्यापकी का अनुभव
बतकही
शहर जैसा मैंने जाना
चीकू के बीज
गुलमोहर के फूल
परामर्श मंडल
डॉ. राजेश चौधरी, अशोक जमनानी, प्रो. गजेन्द्र पाठक, प्रो. पयोद जोशी, प्रो. तनुजा सिंह, प्रो. नीलम राठी, प्रो. मनीष रंजन, डॉ. गजेन्द्र मीणा, डॉ. राजकुमार व्यास, डॉ. विंध्याचल यादव, डॉ. मोहम्मद फ़िरोज़ अहमद, डॉ. मुकेश कुमार मिरोठा, डॉ. दीनानाथ मौर्य, डॉ. जितेंद्र थदानी
सम्पादकीय मंडल
डॉ. सौरभ कुमार, डॉ. प्रवीण कुमार जोशी, डॉ. विष्णु कुमार शर्मा, डॉ. मैना शर्मा, डॉ. गोपाल गुर्जर, डॉ. प्रशान्त कुमार, डॉ. कविता सिंह, अभिनव सरोवा, डॉ. मोहम्मद हुसैन डायर,
डॉ. संदीप कुमार मेघवाल, डॉ. बृजेश यादव, डॉ. हेमेन्द्र सिंह सारंग देवोत, डॉ. संतोष विश्नोई, डॉ. हेमंत कुमार, डॉ. भावना
प्रूफ रीडर्स क्लब
शेरिल गुप्ता, जितेन्द्र कुमार
पोर्टल प्रबंधन एवं प्रकाशन
गुणवंत कुमार, अर्जुन कुमार, दीपक कुमार
डिजायन एवं डिजिटल मार्केटिंग
चंद्रशेखर चंगेरिया (कुमावत), चेतन प्रकाशन चित्तौड़गढ़
आर्थिक सहयोग : Apni Maati Sansthan, A/c. Nu.: 33444603964, IFSC Code : SBIN0006097
State Bank of India, Branch : Chittorgarh (Rajasthan)
प्रकाशक : 'अपनी माटी संस्थान चित्तौड़गढ़' ( पंजीयन संख्या 50 /चित्तौड़गढ़/2013 )
सम्पादकीय / पंजीकृत कार्यालय : कंचन-मोहन हाऊस,1, उदय विहार, महेशपुरम रोड़, चित्तौड़गढ़-312001,राजस्थान
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*सभी कानूनी विवादों के लिये क्षेत्राधिकार चित्तौड़गढ़, राजस्थान होगा। प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक/संचालकों का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। यदि कोई भी असंवैधानिक सामग्री प्रकाशित हो जाती है तो वह तुंरत प्रभाव से हटा दी जाएगी। पाठक कोई भी आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं तो तत्काल सूचित करिएगा।
अपनी माटी पत्रिका को 52 वें की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ। नये नये सृजनकर्ता को ऐसे ही मौका दे और आगे बढ़े। एक बार पुनः शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएं- अमित कुमार 'हिन्द'
इस अच्छे और ज्ञानवर्धक अंक के लिए संपादक मंडल एवं सभी लेखकों को हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएं'अपनी माटी' एक प्रतिष्ठित UGC CARE LISTED पत्रिका है, जो आलेख इत्यादि प्रकाशन के नित्य प्रति उच्च स्तर स्थापित कर रही है। इस हेतु अपनी माटी पत्रिका के सम्पादकों सहित पूरी टीम को बहुत बहुत बधाई एवं यह अपेक्षा भी कि अपनी माटी पत्रिका में अपने प्रारम्भ से लेकर आज तक की भांति भविष्य में भी गुणवत्ता युक्त आलेख इत्यादि भी प्रकाशित होते रहेंगे।
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