चित्तौड़गढ़ (राजस्थान) से प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका
अपनी स्थापना के 12वें वर्ष में प्रवेश
अपनी माटी
( साहित्य और समाज का दस्तावेज़ीकरण )
UGC Approved Journal ( Under List 'Multi Disciplinary' Sr. Nu. 03 )
(ISSN 2322-0724 Apni Maati) अंक-54 सितम्बर, 2024
संस्कृतियाँ जोड़ते शब्द
(अनुवाद विशेषांक)
अतिथि संपादक
गंगा सहाय मीणा, एसोसिएट प्रोफेसर (हिंदी अनुवाद)
भारतीय भाषा केंद्र, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, drgsmeena.jnu@gmail.com
बृजेश कुमार यादव, सह-सम्पादक,अपनी माटी एवं पोस्ट-डॉक्टोरल फेलो
भारतीय भाषा केंद्र, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, birjuhindijnu@gmail.com
विकास शुक्ल, शोधार्थी (हिंदी अनुवाद)
भारतीय भाषा केंद्र, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, vishu.jnu2017@gmail.com
भारतीय भाषा केंद्र, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, drgsmeena.jnu@gmail.com
बृजेश कुमार यादव, सह-सम्पादक,अपनी माटी एवं पोस्ट-डॉक्टोरल फेलो
भारतीय भाषा केंद्र, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, birjuhindijnu@gmail.com
विकास शुक्ल, शोधार्थी (हिंदी अनुवाद)
भारतीय भाषा केंद्र, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, vishu.jnu2017@gmail.com
अनुक्रमणिका
संपादकीय
खंड- 1 : अनुवाद की सैद्धांतिकी
- आनन्द स्वरूप वर्मा : अनुवाद के सामाजिक सरोकार (अफ़्रीकी साहित्य के हिंदी अनुवाद के विशेष संदर्भ में) (16)
- राधावल्लभ त्रिपाठी: भारतीय अनुवाद का इतिहास और परम्परा (21)
- वर्षा दास : अनुवाद की संस्कृति और संस्कृति का अनुवाद (34)
- आनंद कुमार : सामाजिक विज्ञान के अनुवादों की चुनौतियाँ (38)
- देवशंकर नवीन : अनुवाद कोई पेशा नहीं : ज्ञान-प्रसार का माध्यम (45)
- सुमित पी.वी. : अनुवाद के उपकरण (53)
- प्रीति सागर : पारिभाषिक शब्दावली; स्वरूप एवं निर्माण (60)
- प्रतीक कुमार यादव : सृजनात्मक साहित्य का अनुवाद : समस्याएँ और समाधान (66)
- श्रीनिकेत कुमार मिश्र : अनुवाद पारिस्थितिकी : एक अनुशीलन (72)
- कल्पना पाठक : अनूदित कार्य में अनुवादक की भूमिका : अदृश्य या दृश्यमान रूप में (79)
- अनुराधा पाण्डेय : अंतर-प्रतीकात्मक अनुवाद सिद्धांत (83)
- शिवानी वर्मा : अनुवाद की समाजशास्त्रीय अंतर्दृष्टि (88)
- ऋषि पाल वसुहंस : हिन्दी और तमिल अनुवाद के विशेष सन्दर्भ में व्यतिरेकी विश्लेषण की सैद्धांतिक व्याख्या (93)
खंड-2 : बौद्ध साहित्य और अनुवाद
खंड-3 : धर्मग्रंथों की अनुवाद परम्परा
- इरफ़ान अहमद : चीनी ताए रामायण ‘लंका सिप हो’ में भारतीय रामायणों से प्रेरित व्यक्तिवाचक संज्ञाओं का अनुवाद: एक अंतर्वस्तु विश्लेषण (116)
- अनुपमा पाण्डेय : असमिया में रामायण: अनुवाद की दृष्टि से (121)
- आशीष कुमार शाह : रामायण के आत्मसातीकरण के रूप में रामकाव्य का आलोचनात्मक अध्ययन (अनुवाद की राजनीति के सन्दर्भ में) (124)
- धनंजय मल्लिक : ‘भगवद् गीता’ के अंग्रेजी अनुवादों का स्वरूप एवं भूमिका (129)
- अमित कुमार शर्मा : भारत में बाइबल का अनुवाद: एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विश्लेषण (134)
- विश्वजीत कलता : भारतीय साहित्य और अनुवाद के परिप्रेक्ष्य में ओड़िआ महाभारत का अनुशीलन (140)
खंड-4 : हिन्दी नवजागरण के विभिन्न आयाम
खंड-5 : अनुवाद का वैश्विक संदर्भ
खंड-6 : राष्ट्रीय एकीकरण के सूत्र : अनुवाद
- जे. एल. रेड्डी : भारतीय साहित्य और हिंदी तेलुगु साहित्य के संदर्भ में (192)
- राजीव कुमार बेज : बहुभाषिक समाज में अनुवाद की अनिवार्यता और प्रासंगिकता का महत्त्व (199)
- सुप्रिया पी : भारतीय भाषाओं का अंतःसंबंध अनुवाद के जरिए (केरल के विशेष संदर्भ में) (206)
- नीलोफ़र उस्मानी : बहुभाषिकता : अनुवाद और सांस्कृतिक एकता (211)
- हरीश कुमार सेठी : ‘तुलनात्मक साहित्य’ संवर्धन का आधार : अनुवाद (216)
खंड-7 : मशीनी अनुवाद और कृत्रिम मेधा
खंड-8 : रंगमंच, सिनेमा और अनुवाद
खंड-9 : अनुवाद और सत्ता विमर्श
- ज्योति चावला : क्या अनुवाद एक स्त्रीवादी पाठ है : जेंडर साहित्य के अनुवाद के संदर्भ में पुनरवलोकन (269)
- मंजु मुकुल काम्बले : दलित साहित्य के अनुवाद के विश्लेषण में समाजभाषाविज्ञान की भूमिका (275)
- जेरेलडिना मुचवार : आदिवासी साहित्य के विकास में अनुवाद की भूमिका (280)
- निरजा अंजेला खाखा : कुडु.ख लोक गीतों का हिन्दी अनुवाद और उसकी गेयता (285)
- प्रलय कुमार बोड़ो : समाज-भाषिक संदर्भ: उत्तर-आधुनिक अनुवाद (292)
- श्रीनारायण समीर : अनुवाद का उत्तर अध्ययन (298)
खंड-10 : अनुवाद की विभिन्न छवियाँ
- पूरनचंद टंडन : हिंदी और अनुवाद में रोज़गार के अवसर (306)
- गोपाल प्रधान : अनुवाद से परिचय (315)
- थेसो क्रोपी : अनूदित उपन्यास: थोंगछी का साहित्य संसार और ‘सोनाम’ उपन्यास में चित्रित बहुपति-प्रथा (320)
- प्रज्ञा सेन गुप्ता : स्मृति और अनुवादः लोक-ज्ञान के अंतरण-अभ्यासों पर चर्चा (325)
- शुभनीत कौशिक : संस्कृति की नदियाँ : अनुवाद के पुल : राहुल सांकृत्यायन का अनुवाद-कर्म (331)
- ध्रुव कुमार : राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एवं अनुवाद (333)
- आलोक कुमार सिंह : नाट्यानुवाद के निकष पर 'बरनम वन' (रघुवीर सहाय) (337)
- शशि जायसवाल : प्रथम स्कूली भाषा से अंग्रेजी में अनुवाद : उत्तर भारतीय राज्य बिहार में हिंदी और अंग्रेजी अनुवाद में आने वाली चुनौतियाँ (342)
- निमा लामा : नेपाली में अनूदित मैला आँचल का सामाजिक वैचारिक परिप्रेक्ष्य (348)
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परामर्श मंडल
राजेश चौधरी, अशोक जमनानी, गजेन्द्र पाठक, पयोद जोशी, तनुजा सिंह, नीलम राठी, मनीष रंजन, गजेन्द्र मीणा, राजकुमार व्यास, विंध्याचल यादव, मोहम्मद फ़िरोज़ अहमद, मुकेश कुमार मिरोठा, दीनानाथ मौर्य, जितेंद्र थदानी
सम्पादकीय मंडल
सौरभ कुमार, प्रवीण कुमार जोशी, विष्णु कुमार शर्मा, मैना शर्मा, गोपाल गुर्जर, प्रशान्त कुमार, कविता सिंह, अभिनव सरोवा,
संदीप कुमार मेघवाल, बृजेश यादव, हेमेन्द्र सिंह सारंग देवोत, संतोष विश्नोई, हेमंत कुमार, भावना, विशाल विक्रम सिंह
प्रूफ रीडर्स क्लब
शेरिल गुप्ता, जितेन्द्र कुमार
पोर्टल प्रबंधन एवं प्रकाशन
गुणवंत कुमार, अर्जुन कुमार, दीपक कुमार, विक्रम कुमार
डिजायन एवं डिजिटल मार्केटिंग
चंद्रशेखर चंगेरिया (कुमावत), चेतन प्रकाशन चित्तौड़गढ़
आर्थिक सहयोग
Apni Maati Sansthan, A/c. Nu.: 33444603964, IFSC Code : SBIN0006097
State Bank of India, Branch : Chittorgarh (Rajasthan)
प्रकाशक
'अपनी माटी संस्थान चित्तौड़गढ़' ( पंजीयन संख्या 50 /चित्तौड़गढ़/2013 )
सम्पादकीय / पंजीकृत कार्यालय
कंचन-मोहन हाऊस,1, उदय विहार, महेशपुरम रोड़, चित्तौड़गढ़-312001,राजस्थान
वाट्स एप : 9460711896 (माणिक) 9001092806 (जितेन्द्र यादव)
*सभी कानूनी विवादों के लिये क्षेत्राधिकार चित्तौड़गढ़, राजस्थान होगा। प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक/संचालकों का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। यदि कोई भी असंवैधानिक सामग्री प्रकाशित हो जाती है तो वह तुंरत प्रभाव से हटा दी जाएगी। पाठक कोई भी आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं तो तत्काल सूचित करिएगा।
एक और संग्रहणीय विशेषांक के लिए 'अपनी माटी' और अंक की संपादकीय टीम को बधाई। विशेषांक वाकई 'विशेष अंक' बन पड़ा है। अनुवाद की सैद्धांतिकी, धर्मग्रंथों की अनुवाद परंपरा, हिंदी का नव जागरणकालीन अनुवाद कर्म, चीन, जापान, भूटान, तिब्बत से अनुवाद संबंध, अनुवाद के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएँ, शेक्सपियर के हिंदी नाट्यानुवाद, सिनेमायी अनुवाद जैसे कितने ही आयाम इस अंक में सहेजे गए हैं। संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञ लेखकों को तलाश कर उनसे लिखवाकर उसे पाठकों तक पहुँचाना निश्चय ही बड़े परिश्रम और लगन का काम रहा होगा। समर्पण को सलाम🙏🏼
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