'अपनी माटी' के बाल साहित्य विशेषांक हेतु स्वीकृत आलेखों की अनंतिम (Semi Final) सूची जारी
अतिथि संपादक
डॉ. दीना नाथ मौर्य
असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज,
सम्पर्क : 9999108490, dnmaurya@allduniv.ac.in
संपादन सहयोग
चन्द्रकांत यादव
शोधार्थी, हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज
सम्पर्क : Chandrakantyadav7878@gmail.com
आरती
शोधार्थी, हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज
सम्पर्क : artikaithal2520@gmail.com
स्वीकृत आलेखों की अनंतिम (Semi Final) सूची
संपादकीय
बाल साहित्य : संदर्भ
बच्चों को चाहिए ढेर सारी किताबें – पंकज चतुर्वेदी
आरंभिक शिक्षा में बाल साहित्य क्यों? – खजान सिंह
बाल साहित्य सृजन के आयाम और चुनौतियाँ – मनोहर चमोली
लोक में बच्चों के गीत – प्रभात
बाल साहित्य की प्रमुख विधाएं – सरिता
बचपन के खेल गीत और बाल साहित्य – ओम प्रकाश कश्यप
भूमंडलीय दौर में बच्चे – सविता एकांशी
बाल साहित्य : संवाद
बाल साहित्य सिर्फ़ बच्चों को ही नहीं बड़ों की भी अनिवार्य
जरूरत – प्रकाश मनु
(वरिष्ठ बाल साहित्यकार प्रकाश मनु से बातचीत)
स्कूली शिक्षा के दायरे में
हिंदी की बालपोथियों में शामिल कविताओं और वर्णमाला का बालमन
पर प्रभाव – संगीता मौर्या
स्कूली शिक्षा और बाल साहित्य – कुसुम अग्रवाल
हिंदी साहित्य में बचपन के प्रसंग
बाल साहित्य परम्परा और सूर्यकांत त्रिपाठी निराला – स्वाती
मिश्रा
स्वातंत्र्योत्तर हिंदी उपन्यासों में बाल विमर्श – अंकित
कुमार मौर्य
बालमन की आकांक्षाओं का खुला आकाश – श्रीकृष्ण
हिंदी कविता में अभिव्यक्त बालमन – सच्चिदानंद मिश्र
मार्कंडेय का कथा साहित्य और बाल मनोभूमि – अजय कुमार यादव
तकनीकी के युग में बाल साहित्य – कोमल यादव
21वीं
सदी की हिंदी बाल कविताओं में संवेदना के विविध रूप – रेणु
कथा सम्राट प्रेमचंद की बाल कहानियाँ : एक अनुशीलन –
चन्द्रकांत यादव
बाल साहित्य का संदर्भ और हिंदी साहित्य – अंकिता तिवारी
आज की कविता में बाल जीवन के विविध संदर्भ – मोहन लाल जाट
बाल उपन्यासों में बच्चों की भूमिका का विश्लेषण – ओम प्रकाश
क्षत्रिय
इक्कीसवीं सदी का हिंदी बाल साहित्य – अदिता द्विजा, वाराणसी,
उत्तर प्रदेश
कन्हैयालाल मत्त के गीत: बाल साहित्य में राष्ट्रीयता के
प्रेरक – वेद मित्र शुक्ल
साहित्य को बाल मनोविज्ञान से जोड़ती विशिष्ट कृति : शेखर एक
जीवनी – साक्षी ओझा
हिंदी कथा साहित्य में बाल जीवन की समस्याओं का विवेचन –
मीनू देवी, हरिद्वार उत्तराखंड
स्वाधीनता आन्दोलन के संदर्भ और निराला का बाल साहित्य – दीक्षा
मिश्रा
हिंदी बाल कविता में नए मूल्यों का अन्वेषण – नितेश
उपाध्याय
लोक के रस में बचपन
ढूधाद (जयपुरी) की लोरियाँ : पशु और मानवीय संबंध – छोटू राम
मीणा
भोजपुरी साहित्य की मौखिक परम्परा और बाल साहित्य – निरंजन
कुमार यादव
समीक्षाएं
‘तीसमार खां’ का नेपथ्य और रचना प्रक्रिया – प्रवीण शेखर
प्रेरणा: एक उधमी बालक के रूपांतरण की कहानी – अनामिका यादव
‘हैरी पार्टर’ पुस्तक श्रंखला का विश्लेषण – अपर्णा चौधरी
‘अनारको के आठ दिन’ : यथार्थ से स्वप्न की यात्रा – पारस
सैनी
‘मेरा बचपन –मैक्सिम गोर्की’ : बचपन के साथ सीखने का संदर्भ
– आदित्य त्रिपाठी
बचपन की सुनहरी यादों का जीवंत दस्तावेज : ‘बाली उमर’–
विश्वजीत कलता
हिंदीतर भाषाओँ में बाल साहित्य
भारतीय भाषाओँ में रचित विविध बाल कविताएँ – चंद्रकांत सिंह
तेलगू का बाल साहित्य : एक विवेचन – गाजुला राजू
तमिल बाल कथाओं के विविध स्वर – मधुलिका बेन पटेल
रवीन्द्रनाथ टैगोर की बाल कविताओं में चित्रित भाव सौन्दर्य
– मोती लाल
ओड़िया भाषा में बाल साहित्य की परंपरा – जगन्नाथ मेहर
बचपन के अलक्षित संदर्भ
दलित आत्मकथाओं में अभिव्यक्त बचपन और जीवन सौन्दर्य –
रामचंद्र, प्रवीण कुमार
आदिवासी बाल लोक साहित्य : मिलकर बाँचना और मिलकर नाचना –
जनार्दन
बाल किन्नरों का मनोविज्ञान और उनकी समस्याएँ – अरविंद शर्मा
दलित समाज और बाल साहित्य – साहिल, शेफाली चौहान
बाल पत्रकारिता
हिंदी बाल पत्रकारिता का वर्तमान परिदृश्य और बाल भारती –
कु. आकांक्षा
बाल साहित्य के विकास में पत्रिकाओं का सफ़र – कुसुम कुञ्ज
मालाकार
बालवाणी पत्रिका की कहानियों में बाल मनोविज्ञान – सचिन
कुमार
देशांतर
बीसवीं सदी के बाल साहित्य का वैश्विक परिदृश्य : स्पेनी
और जर्मन भाषा साहित्य के कुछ संदर्भ – पी. कुमार मंगलम, शिवम मिश्र
रूसी बाल कहानियों में बचपन का परिवेश – रितेश वर्मा
रूसी रचनकार चेखव की कहानियों में बाल मनोविज्ञान – मीनू
गेरा
बाल साहित्य : विविध प्रसंग
चित्रकथा और बाल साहित्य – राजीव रंजन
बच्चों की दुनिया में कामिक्स – सुशील सिंह
हिंदी बाल साहित्य : विधाओं का अध्ययन – राज
रानी
हिंदी बाल साहित्य लेखन की परंपरा : एक अवलोकन – दीप शिखा
शर्मा
बाल साहित्य की चुनौतियाँ (विशेष संदर्भ : प्रकाश मनु की
कविताएँ) – रीता दुबे
सिनेमा में बाल मनोविज्ञान – तेजस पूनियां
ए. अबुबक्कर जी के बाल नाटकों के परिप्रेक्ष्य में पर्यावरण
चिंतन – अन्विता विश्वनाथन पी.
बच्चों की दुनिया और तकनीक का ग्लोब – राजीव रंजन प्रसाद
21वीं सदी की हिंदी गज़ल में बाल विमर्श की जमीन – महावीर
सिंह
बाल साहित्य की विधाएं – आरती
(नोट : विशेषांक के बारे में केवल अतिथि संपादक से सम्पर्क : baalsahitya15@gmail.com पर ही संवाद करिएगा. )